मालेगांव विस्फोट मामले में 17 साल बाद आए फैसले को लगभग सभी अखबारों ने अपनी सुर्खी बनाते हुए विस्तार से दिया है। जनसत्ता लिखता है- पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित सहित सातों आरोपी बरी। अमर उजाला ने अदालत के इस कथन को सुर्खी बनाया है- शंका के आधार पर नहीं सुना सकते सज़ा।
स्वदेशी आधुनिक युद्धपोत हिमगिरि को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने की खबर राष्ट्रीय सहारा में है।
नवभारत टाइम्स लिखता है- मसूरी जाने वाले पर्यटकों को आज से पंजीकरण कराना होगा जरूरी।
हिन्दुस्तान की खबर है- ट्रैफिक चलान के नाम पर ठगी कर रहे साइबर जालसाज़।
वाह्टसअप पर ए.पी.के फाइल भेज रहे हैं आरोपी। राजस्थान पत्रिका ने रजिस्टर पोस्ट को स्पीड पोस्ट सर्विस में मिलाने की खबर को सुर्खी दी है।