अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा पाकिस्तान पर कर्ज के लिए लगाई गई ग्यारह नई शर्तों का समाचार अधिकतर अखबारों के पहले पन्ने पर है। अमर उजाला की सुर्खी है- भारत के दबाव का असर, बढेंगी शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें। दैनिक जागरण के शब्द हैं- रंग लाया भारत का दबाव। वहीं, हरिभूमि ने लिखा है- भारत की पाकिस्तान पर एक और कूटनीतिक जीत, आईएमएफ से आसानी से नहीं मिलेगा पैसा।
नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा, राजस्थान पत्रिका और देशबन्धु की खबर है- भारत में कई हमलों का साजिशकर्ता अबू सैफुल्ला पाकिस्तान में ढेर।
हिन्दुस्तान के अनुसार- कई देश पाना चाहते हैं ब्रह्मोस की शक्ति, इनमें दक्षिण अफ्रीका, यू.ए.ई. और कतर समेत 15 देश शामिल।
जनसत्ता और दैनिक ट्रिब्यून ने प्रधान न्यायाधीश बी. आर गवई के इस बयान को सुर्खी बनाया है- देश का संविधान सर्वोच्च और सभी स्तम्भों को मिलकर काम करना चाहिए।
वीर अर्जुन के वाणिज्य पन्ने की सुर्खी है- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने भारतीय शेयर बाजार में 18 हजार 620 करोड़ रुपये निवेश किये।
राजस्थान पत्रिका के अनुसार- देश में कम उम्र से ही निवेश का माहौल बना, लगभग चालीस फीसद डीमैट एकाउंट धारक तीस वर्ष से कम आयु के