भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज ‘निर्यात के लिए बनाए गए एम2एम/आईओटी उपकरणों में उपयोग के लिए विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों की बिक्री के लिए नियामक संरचना’ पर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।
दूरसंचार विभाग (डीओटी), संचार मंत्रालय, भारत सरकार ने 17.09.2024 के अपने संदर्भ के माध्यम से टीआरएआई से टीआरएआई अधिनियम, 1997 की धारा 11(1)(ए) के अंतर्गत निर्यात उद्देश्यों के लिए एम2एम/आईओटी उपकरणों में उपयोग के लिए विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों के आयात/बिक्री के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने और नवीनीकरण के लिए नियम एवं शर्तों पर सिफारिशें प्रदान करने का अनुरोध किया था।
इस संबंध में, ट्राई ने 04.07.2025 को ‘निर्यात के लिए बनाए गए एम2एम/आईओटी उपकरणों में उपयोग के लिए विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों की बिक्री के लिए नियामक संरचना’ विषय पर एक परामर्श पत्र जारी किया, जिसमें हितधारकों से टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां आमंत्रित की गईं। इसके आलोक में, नौ हितधारकों ने अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत कीं। परामर्श पत्र पर 25.09.2025 को ऑनलाइन माध्यम से एक खुली बैठक (ओएचडी) आयोजित की गई।
परामर्श प्रक्रिया में हितधारकों से प्राप्त टिप्पणियों एवं आगे के विश्लेषण के आधार पर, ट्राई ने ‘निर्यात के लिए बनाए गए एम2एम/आईओटी उपकरणों में उपयोग के लिए विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों की बिक्री के लिए नियामक संरचना’पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप प्रदान किया है।
मशीन-टू-मशीन (एम2एम) संचार एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) एकसाथ मिलकर ऊर्जा ग्रिड, परिवहन प्रणाली, जल आपूर्ति नेटवर्क और कृषि जैसे उद्योगों में अवसंरचना के स्वरुप को आकार दे रहे हैं। एम2एम/आईओटी उपकरणों (जैसे स्मार्ट मीटर, कनेक्टेड कार, औद्योगिक सेंसर) के भारतीय निर्माताओं को प्रायः विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्ड को अंतःस्थापित करने की आवश्यकता होती है ताकि उपकरण गंतव्य देश में निर्बाध रूप से सेवा प्रदान कर सकें। वर्तमान में, निर्यात के लिए बनाए गए एम2एम/आईओटी उपकरणों में विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों की बिक्री के लिए देश में कोई नियामक संरचना मौजूद नहीं है। नियामक सामंजस्य सुनिश्चित करने एवं निर्यात संचालन को सुचारू बनाने के लिए एक सक्षम नियामक संरचना की आवश्यकता है, साथ ही निर्यात के लिए बनाए गए एम2एम/आईओटी उपकरणों में विदेशी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के सिम/ई-सिम कार्डों को शामिल करते समय भारतीय निर्माताओं को सुरक्षा संबंधी चिंताओं का ध्यान केंद्रीत करना चाहिए।
ट्राई की सिफारिशों के मुख्य बिंदु:
ट्राई की ये सिफारिशें सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल का समर्थन करेंगी, जो वैश्विक बाजारों के लिए स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहित करती हैं। ट्राई द्वारा अनुशंसित अंतरराष्ट्रीय एम2एम सिम सेवा प्राधिकरण के लिए नियामक संरचना भारतीय उत्पादों को एम2एम क्षमता के साथ वैश्विक स्तर पर ज्यादा आकर्षक बनाएगा। यह भारतीय उद्यमों को एम2एम/आईओटी बाजारों में स्थापित वैश्विक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।
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