ट्राइफेड और टी ट्रंक ने जनजातीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) ने जनजातीय उत्पादों की बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बेहतरीन चाय की कंपनी टी ट्रंक के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 17 फरवरी को हस्ताक्षर किए गए। मुख्यधारा के खुदरा बाजार में जनजातीय उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बहुत बड़ा ग्राहक आधार बनाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 16 से 24 फरवरी 2025 तक आयोजित किए जा रहे प्रमुख कार्यक्रम ‘आदि महोत्सव’ के दौरान केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके और ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक आशीष चटर्जी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ट्राइफेड के महाप्रबंधक संदीप पहलवान और टी ट्रंक की संस्थापक और सीईओ स्निग्धा मनचंदा के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
इस सहयोग का प्राथमिक उद्देश्य टी ट्रंक की बाजार उपस्थिति का लाभ उठाकर और अपने मौजूदा ग्राहक आधार को उत्पादों की व्यापक पसंद प्रदान करके आदिवासी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। यह सहयोग आदिवासी उत्पादकों के लिए सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगा और उन्हें कौशल विकास तथा क्षमता निर्माण का अवसर प्रदान करेगा।
ट्राइफेड बड़े महानगरों और राज्यों की राजधानियों में आदिवासी मास्टर-शिल्पकारों और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए “आदि महोत्सव – राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव” का आयोजन करता आ रहा है। इस महोत्सव का विषय “उद्यमिता, आदिवासी शिल्प, संस्कृति, भोजन और वाणिज्य की भावना का उत्सव” है, जो आदिवासी जीवन के मूल लोकाचार का प्रतिनिधित्व करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 16 फरवरी, 2025 को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके और नई दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज की गरिमामयी उपस्थिति में इस महोत्सव का उद्घाटन किया था।