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Arbitration and mediation mechanisms crucial for India to emerge as a global manufacturing hub Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal
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केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने CEPA को मजबूत करने के लिए UAE के विदेश व्यापार मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) को और मज़बूत करने के उद्देश्य से 29 अगस्त 2025 को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश व्यापार मंत्री महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय आर्थिक भागीदारी को मज़बूत करने के लिए वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में मिलकर काम करने के महत्व पर ज़ोर दिया। पीयूष गोयल ने भारतीय अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता और अंतर्निहित शक्तियों पर प्रकाश डाला, जिसने इसे चुनौतीपूर्ण समय में भी आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है। दोनों मंत्रियों ने पारस्परिक लाभ के लिए विविध साझेदारों के साथ काम करने के महत्व पर सहमति व्यक्त की।

इस बैठक में सीईपीए के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की गई और 2030 तक गैर-तेल, गैर-कीमती धातुओं के व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने के द्विपक्षीय व्यापार के साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की गई। नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल अवसंरचना, आपूर्ति श्रृंखला रिज़िल्यन्स और स्वास्थ्य सेवा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने सीईपीए के अंतर्गत बेहतर निगरानी के लिए समय पर व्यापार डेटा के आदान-प्रदान की आवश्यकता पर जोर दिया और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सेवाओं पर उप-समिति की बैठक दो महीने के भीतर की जाएगी। भारतीय पक्ष ने अमीरात औषधि प्रतिष्ठान के गठन और भारतीय दवा कंपनियों की समस्याओं को दूर करने में इसकी भूमिका का स्वागत किया। बाजार पहुंच और विनियामक मुद्दों पर, दोनों मंत्रियों ने सीईपीए संयुक्त समिति में शीघ्र समाधान के लिए मामलों को उठाने पर सहमति व्यक्त की।

पीयूष गोयल ने भारत के बुनियादी ढांचे, लॉजिस्टिक्स और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में संयुक्त अरब अमीरात के बढ़ते निवेश का स्वागत किया और बहुपक्षीय व्यापार सहयोग को आगे बढ़ाने में डॉ. थानी के नेतृत्व की सराहना की। मंत्रियों ने व्यापार सुगमता के सहायक के रूप में यूएई में स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (आईएनआर-एईडी) और भारत मार्ट जैसी पहलों के महत्व का उल्लेख किया। बैठक में भारत-यूएई साझेदारी को 21वीं सदी के एक निर्णायक एलायंस के रूप में रेखांकित किया गया, जो नवाचार, स्थिरता और साझी समृद्धि पर आधारित है।

30 अगस्त 2025 को, पीयूष गोयल और डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी ने फार्मास्यूटिकल और खाद्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ हितधारक बैठकों की सह-अध्यक्षता की। फार्मा क्षेत्र में, उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने फार्मास्यूटिकल्स एवं स्वास्थ्य सेवा उत्पादों के व्यापार को और सुगम बनाने के तरीकों पर विचार साझा किए। यूएई पक्ष ने पंजीकरण प्रक्रियाओं और विनियामक सुविधा में तेजी लाने पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया, जबकि भारतीय पक्ष ने यूएई अधिकारियों द्वारा निरीक्षण और लेखा परीक्षा के प्रति स्वीकार्यता और तत्परता पर प्रकाश डाला। भारत-यूएई साझेदारी के तहत आयुर्वेदिक उत्पादों पर विशेष जोर देते हुए, पारंपरिक चिकित्सा में उभरते अवसरों पर भी चर्चा हुई।

खाद्य क्षेत्र में, एपीडा ने खाद्य और कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए भारती योजना शुरू की है, जिसके तहत 100 से ज़्यादा कंपनियों को ब्रांड बनाने, उनका विस्तार करने और बिज़नेस-टू-बिज़नेस गठजोड़ बनाने में मदद मिलेगी। एपीडा ने दुबई में आयोजित होने वाले गल्फ फ़ूड के 2026 संस्करण में भारत को भागीदार देश बनाने के लिए डीडब्ल्यूटीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। फूड, मरीन, चाय, कॉफ़ी और मसालों के क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को 1200 वर्ग मीटर से ज़्यादा प्रदर्शनी स्थल आवंटित किया जाएगा। यूएई पक्ष ने भारतीय खाद्य एवं पेय उद्योग की समस्याओं का समाधान किया, जिसमें उच्च खुदरा मूल्य, मूल्य मानदंड और चावल की खेपों के लिए आवश्यक परीक्षण से संबंधित मुद्दे शामिल थे।

उसी दिन बाद में, पीयूष गोयल और डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी ने उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ एक व्यावसायिक बातचीत में भाग लिया। दोनों पक्षों ने सीईपीए पर हस्ताक्षर के बाद से तीन वर्षों में हासिल की गई ऐतिहासिक प्रगति की सराहना की, बढ़ते निवेश प्रवाह के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और भविष्य के लिए एक साहसिक रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। पीयूष गोयल ने इस तिमाही में भारत की 7.8 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि का उल्लेख किया तथा 2027 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक 32-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के देश के लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कराधान, व्यापार नीति, व्यापार करने में आसानी और विनियामक सरलीकरण में निरंतर सुधार समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देंगे। डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद, भारत-संयुक्त अरब अमीरात साझेदारी विकास के एक मजबूत वाहक के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा कि भारत, जो अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और तकनीकी व कृषि क्षेत्र में एक महाशक्ति है, यूएई को अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में देखता है।

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