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Union Education Minister Dharmendra Pradhan announces setting up of 3 AI Centres of Excellence in healthcare, agriculture and sustainable cities sectors
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि और टिकाऊ शहरों क्षेत्रों में 3 एआई उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और टिकाऊ शहरों पर केंद्रित तीन एआई उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के स्थापना की घोषणा की। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, के. संजय मूर्ति; शीर्ष समिति के सह-अध्यक्ष और ज़ोहो कॉर्पोरेशन के संस्थापक और सीईओ, श्रीधर वेम्बू; राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के अध्यक्ष, प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे; पीकएक्सवी पार्टनर्स और सर्ज के एमडी, राजन आनंदन; सीईओ, खोसला लैब्स, श्रीकांत नाधमुनि; क्रोपिन एआई लैब्स के प्रमुख, डॉ. प्रवीण पंकजक्षण; भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, आईआईटी के निदेशक, उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआई) के प्रमुख, उद्योग जगत के नेता और स्टार्ट-अप संस्थापक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। धर्मेंद्र प्रधान ने एम्स और आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रोपड़ और आईआईटी कानपुर के प्रतिनिधियों को उनकी प्रतिबद्धताओं और समर्थन के लिए एक पौधा और एक पट्टिका भेंट की, जो सीओई का नेतृत्व करेंगे। एआई-सीओई स्वास्थ्य कल्याण, कृषि और टिकाऊ शहरों की संबंधित शीर्ष समिति के सदस्यों ने परियोजनाओं के दायरे और सीमा के बारे में जानकारी प्रदान की।

धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में आशा व्यक्त की कि तीन एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के मंदिर के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रों के अनावरण के साथ, वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत की साख को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि भारत के पास जो प्रतिभा और उत्साह है, आने वाले समय में ये एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक नीति का एक प्रमुख तत्व होंगे और दुनिया के समाधान प्रदाता के रूप में भी उभरेंगे।

उन्होंने देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में इन एआई-सीओई के कार्यान्वयन की दिशा में उनके सावधानीपूर्वक और ईमानदार प्रयासों के लिए श्रीधर वेम्बू के नेतृत्व वाली शीर्ष समिति की प्रशंसा की। भारत को एआई के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि एआई-सीओई देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और प्रोत्साहन देंगे, नई पीढ़ी के लिए नौकरी के अवसर सृजित करने में सहायता और धन सृजनकर्ता तथा वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

के. संजय मूर्ति ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि ये एआई-सीओई केवल संस्थान-आधारित नहीं हैं बल्कि पूरे देश की सेवा के लिए तैयार किए गए हैं। अंतःविषय अनुसंधान के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि समान विचारधारा वाले संसाधनों के बीच सही प्रकार के सहयोग से अधिकतम परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में विकसित प्रतिस्पर्धा-आधारित चुनौती विधियों ने आम समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रगति सुनिश्चित की है। उन्होंने संपूर्ण परियोजना की सफलता के लिए धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व और दूरदर्शिता के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

डॉ. श्रीधर वेम्बू ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे ये परियोजनाएं गांवों, शहरों और देश के लोगों के स्वास्थ्य को समग्र रूप से लाभ पहुंचाएंगी। उन्होंने आने वाले 10 से 20 वर्षों में देश के लोगों के फलने-फूलने और देश की सेवा सुनिश्चित करने के लिए देश की प्रतिभा को पोषित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सीओई कई प्रयासों को बढ़ावा देगा, कंपनियां बनाएगा, प्रतिभा का पोषण करेगा और हमारे प्रतिभा पूल के लिए अवसर पैदा करेगा।

सौम्या गुप्ता संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने एआई-सीओई में अब तक के विकास की उत्पत्ति, कार्यान्वयन और अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की। कार्यक्रम के दौरान मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया विषय पर एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

“विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए इन तीन सीओई का नेतृत्व उद्योग भागीदारों और स्टार्टअप के साथ मिलकर शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा। वे अंतःविषय अनुसंधान करेंगे, अत्याधुनिक अनुप्रयोग विकसित करेंगे और इन तीन क्षेत्रों में बडे पैमाने पर समाधान तैयार करेंगे। इस पहल का उद्देश्य एक प्रभावी एआई इकोसिस्टम को प्रेरित करना और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधनों का पोषण करना है।

“भारत में एआई बनाएं और एआई को भारत के लिए काम करें” के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा 2023-24 के बजट घोषणा के पैरा 60 के अंतर्गत की गई थी। इसके अनुरूप, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2027-28 की अवधि में 990.00 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ तीन एआई उत्कृष्टता केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

इस पहल के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए, एक उद्योग शीर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसकी सह-अध्यक्षता डॉ. श्रीधर वेम्बू करेंगे।

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