केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक की अध्यक्षता की
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष लिमिटेड (एनआईआईएफ) की गवर्निंग काउंसिल (जीसी) की छठी बैठक की अध्यक्षता की।
जीसी ने एक सॉवरेन-लिंक्ड एसेट मैनेजर के तौर पर एनआईआईएफ के विकास की सराहना की और प्रमुख निवेशकों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने के लिए सालों से किए गए प्रयासों की सराहना की, जिनमें अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) और टेमासेक जैसे प्रमुख सॉवरेन वेल्थ फंड; ऑस्ट्रेलियनसुपर, ओंटारियो टीचर्स पेंशन प्लान, कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) जैसे पेंशन कोष; एशियाई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी), एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) जैसे बहुपक्षीय विकास बैंक: और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन (जेबीआईसी) जैसे रणनीतिक सरकारी समकक्ष शामिल हैं।
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में पूंजी जुटाने में एनआईआईएफ की बढ़ती भूमिका को स्वीकारते हुए, जीसी ने एनआईआईएफ के प्रदर्शन की सराहना की और इसके प्रबंधन के अंतर्गत परिसंपत्तियों में विस्तार पर ध्यान दिया जो ₹11,7000 करोड़ की पूंजी को बढ़ाते हुए ₹30,000 करोड़ से अधिक हो गई है।
जीसी को एनआईआईएफ की समग्र रणनीति, प्रगति, निवेश की स्थिति, क्षेत्र फोकस, प्रदर्शन और इसके चार सक्रिय फंड्स में आगे की दिशा के बारे में जानकारी दी गई:
- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड (मास्टर फंड)
- फंड ऑफ फंड्स (प्राइवेट मार्केट्स फंड)
- जलवायु और स्थिरता के साथ-साथ भारत जापान कॉरिडोर के लिए फंड (भारत जापान फंड), और
- ग्रोथ इक्विटी पर केंद्रित फंड (रणनीतिक अवसर फंड)
जीसी ने इस बात की सराहना की कि मास्टर फंड और प्राइवेट मार्केट्स फंड दोनों पहले से ही 100% प्रतिबद्ध हैं और मास्टर फंड निवेश का एक हिस्सा बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स, हवाई अड्डों और डेटा केंद्रों जैसे क्षेत्रों में ग्रीनफील्ड परिसंपत्तियों के निर्माण में चला गया है।
जीसी ने एनआईआईएफ के आगामी प्राइवेट मार्केट्स फंड II की प्रगति पर ध्यान दिया, जिसका लक्ष्य 1 बिलियन डॉलर का कोष है, और इस तथ्य की सराहना की कि पीएमएफ II ने निजी निवेशकों को सफलतापूर्वक शामिल किया है – जो कि पिछली जीसी मार्गदर्शन के अनुरूप है और जल्द ही इसका पहला समापन होने वाला है। जीसी को प्रस्तावित द्विपक्षीय कोष के बारे में भी बताया गया, जिस पर वर्तमान में अमेरिका के साथ चर्चा चल रही है। रणनीति, सफल निधि जुटाने, समय पर परिचालन और प्रभावी तैनाती से संबंधित पहलुओं पर भी मार्गदर्शन दिया गया।
जीसी ने एनआईआईएफ को अपने सॉवरेन बैक्ड डिजाइन का लाभ उठाने की सलाह दी और वैश्विक मंच पर तथा अंतर्राष्ट्रीय निवेशक समुदाय के भीतर अपनी भूमिका और प्रदर्शन को पेशेवर रूप से प्रदर्शित करने की आवश्यकता पर बल दिया। एनआईआईएफ की टीम को फंड जुटाने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने तथा वित्तपोषण के विविध स्रोतों की खोज करने की आवश्यकता पर सलाह दी गई। जीसी ने भविष्य में एनआईआईएफ की बढ़ी हुई भूमिका के प्रति अपना विश्वास व्यक्त किया तथा वार्षिक रूप से बैठक आयोजित करने की सलाह दी।
गवर्निंग काउंसिल की बैठक में वित्त सचिव और आर्थिक कार्य विभाग (डीईए) के सचिव अजय सेठ; वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू; ओएसडी (डीईए) अनुराधा ठाकुर, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सी.एस. शेट्टी और कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और निदेशक उदय कोटक भी उपस्थित रहे।