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Union Minister for New and Renewable Energy Pralhad Joshi inaugurated a solar project with a peak power capacity of 1.3 GW at Pokhran in Jaisalmer
भारत

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जैसलमेर के पोकरण में 1.3 गीगावॉट की पीक पावर क्षमता वाले सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया

राजस्थान में जैसलमेर के पोकरण में 1.3 गीगावॉट पीक पावर क्षमता 100 मेक इन इंडिया मोडूलर द्वारा निर्मित सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मौजूदगी में किया गया।

परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आज का दिन भारत, विशेष रूप से राजस्थान के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप राजस्थान देश में नवीकरणीय ऊर्जा की क्रान्ति का केन्द्र बन गया है। पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया मोड्यूल्स द्वारा निर्मित तकरीबन 1.3 गीगावॉट पीक पावर क्षमता की सोलर साईट का उद्घाटन आत्मनिर्भर भारत में योगदान का सुनहरा उदाहरण है जहां 90 फीसदी मोड्यूल्स राजस्थान में बनाए गए हैं। है। उन्होने कहा कि यह पहला इतना बढ़ा सौर ऊर्जा का प्लांट है इससे यह प्रतीत होता है कि राजस्थान न सिर्फ सूरज की ऊर्जा का सदुपयोग कर रहा है, बल्कि भारत के ऊर्जा परिवेश को नया आयाम भी दे रहा है।’

केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में आज प्रति यूनिट की कीमत सबसे कम लगभग 2.18 रुपए है। पहले इसकी कीमत अधिक हुआ करती थी। इसका टैरिफ पहले की तुलना में कई प्रतिशत कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा में क्रांति आई है। केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि 24×7 हर नगर, हर गांव, हर घर में बिजली पहुँचाने के प्रयास किये जा रहे हैं। पहले की तुलना में आज ऊर्जा की पावर क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पांचवी अर्थव्यवस्था है और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा है। देश में तकनीक में भी तेजी से बदलाव कि चर्चा करते हुये कहा कि पीपीपी मॉडल में सभी मिलकर कार्य कर सकते हैं जिससे तेजी से विकास होगा और देश आत्मनिर्भर बनेगा। इस परियोजना से बिजली उत्पन्न होगी और लाखों घरों को बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ऊर्जा की मांग दुगनी हो जाएगी। 2047 तक के लिए जो लक्ष्य बनाए गए हैं उनके लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी की सहभागिता से राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में हरित और उज्जवल भविष्य का निर्माण करेंगे जिससे उत्कृष्ट और विकसित राजस्थान की संकल्पसिद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इस सोलर प्लांट से राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर किए जा रहे कार्यों को गति मिलेगी। सौर तथा पवन ऊर्जा उत्पादन को एकीकृत करने की दिशा में पहल करते हुए पश्चिमी राजस्थान में एक ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि आज शुरू हुआ यह संयंत्र मेक इन इंडिया का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

मेक इन इंडिया’ पर फोकस इस परियोजना में 100 फीसदी भारत में निर्मित सोलर पैनल्स का उपयोग किया गया है, जिनमें से 90 फीसदी का निर्माण जयपुर स्थित भारतीय कंपनी रीन्यू की आधुनिक सोलर मोड्यूल निर्माण युनिट में हुआ है। यह भारत में इस पैमाने की पहली परियोजना है, जिसे राजस्थान में अंजाम दिया गया है।

1.3 गीगावॉट पीक पावर क्षमता की यह सोलर पावर परियोजना राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में पोखरन और भनियाना तहसीलों के रामपुरिया, भिनाजपुरा, हस्तिनापुर और मासुरिया सहित कई गांवों में तकरीबन 3500 एकड़ में फैली है। उम्मीद है कि इस परियोजना से सालाना लगभग 2490 मिलियन युनिट्स विद्युत का उत्पादन होगा, जिससे राजस्थान में लगभग 5 लाख परिवारों की विद्युत संबंधी ज़रूरतें पूरी होंगी। इस परियोजना के परिणामस्वरूप सालाना 2.3 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साईड का उत्सर्जन कम होगा (प्रति युनिट 936 ग्राम कार्बन डाई ऑक्साईड उत्सर्जन के आधार पर)। इस तरह यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगी।

इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर, विधायक महंत प्रतापपुरी, छोटू सिंह भाटी, रिन्यू के सीईओ सुमंत सिन्हा, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस दौरान केन्द्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री तथा मुख्यमंत्री ने सोलर प्लांट की लोकार्पण पट्टिका का अनावरण कर उद्घाटन किया।

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