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Union Minister Giriraj Singh reviews preparations for cotton MSP operations for Kharif season 2025-26
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए कपास एमएसपी संचालन की तैयारियों की समीक्षा की

केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने 2 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वस्त्र मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव, संयुक्त सचिव (फाइबर) पद्मिनी सिंगला, भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के सीएमडी ललित कुमार गुप्ता और वस्त्र मंत्रालय तथा भारतीय कपास निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक का उद्देश्य 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले आगामी खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के दौरान कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन की तैयारियों का आकलन करना था।

गिरिराज सिंह ने कपास किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आश्वासन दिया कि एमएसपी दिशा-निर्देशों के तहत आने वाले सभी कपास की खरीद, बिना किसी व्यवधान के की जाएगी और समय पर, पारदर्शी तथा किसान-केंद्रित सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कपास किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और डिजिटल रूप से सशक्त प्रणाली की ओर बदलाव को गति देने की प्रतिवद्धता व्यक्त की।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप, एमएसपी संचालन के तहत भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा कपास की खरीद से लेकर स्टॉक की बिक्री तक की सभी प्रक्रियाएं अब पूरी तरह से फेसलेस और पेपरलेस हैं जिससे किसानों और अन्य हितधारकों का एमएसपी संचालन में विश्वास व भरोसा मजबूत हो रहा है।

पहली बार, कपास की खेती के क्षेत्र, कार्यशील एपीएमसी यार्डों की उपलब्धता और कपास खरीद केंद्र पर कम से कम एक स्टॉक प्रसंस्करण कारखाने की उपलब्धता जैसे प्रमुख मापदंडों को ध्यान में रखते हुए, खरीद केंद्रों की स्थापना के लिए एक समान मानदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। एमएसपी के तहत कपास की खरीद उत्तरी राज्यों में 1 अक्टूबर, मध्य राज्यों में 15 अक्टूबर और दक्षिणी राज्यों में 21 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी।

इस सीजन से, नए लॉन्च किए गए ‘कपास-किसान’ मोबाइल ऐप के माध्यम से देश भर में कपास किसानों का आधार-आधारित स्व-पंजीकरण और 7-दिवसीय स्लॉट बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का उद्देश्य खरीद कार्यों को सुव्यवस्थित करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह (एनएसीएच) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे आधार-आधारित भुगतान को साकार करना है। पिछले साल शुरू की गई एसएमएस-आधारित भुगतान सूचना सेवा भी जारी रहेगी।

जमीनी स्तर पर सहायता बढ़ाने के लिए, राज्यों द्वारा तत्काल शिकायत निवारण हेतु प्रत्येक एपीएमसी मंडी में स्थानीय निगरानी समितियां (एलएमसी) गठित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, समर्पित राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन और एक केंद्रीय सीसीआई हेल्पलाइन पूरी खरीद अवधि के दौरान सक्रिय रहेंगी। कपास सीजन शुरू होने से पहले पर्याप्त जनशक्ति की तैनाती, लॉजिस्टिक सहायता और अन्य बुनियादी ढांचे की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

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