केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने पूरे देश में दूरसंचार पहुंच, सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में आज कई नागरिक-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में संचार साथी मोबाइल ऐप, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का शुभारंभ और डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग सुविधा का उद्घाटन शामिल था।
संचार साथी मोबाइल ऐप एक उपयोगकर्ता-अनुकूल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे दूरसंचार सुरक्षा को मज़बूत करने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए तैयार किया गया है। मोबाइल अनुप्रयोग जारी करते हुए, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर प्रकाश डाला, “यह पहल न केवल अवसरों तक पहुंच प्रदान करती है बल्कि सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित करती है।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संचार साथी ऐप सभी के लिए दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा, सुरक्षा और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
संचार साथी मोबाइल ऐप, एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने दूरसंचार संसाधनों को सुरक्षित रखने और दूरसंचार धोखाधड़ी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण उपाय प्रदान करता है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में सम्मिलित हैं:
देश में 90 करोड़ से अधिक स्मार्ट फोन उपयोगकर्ताओं के साथ, संचार साथी मोबाइल ऐप का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्मार्टफोन पर बस कुछ क्लिक से इन महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का दृष्टिकोण दस्तावेज़ जारी करके इसका शुभारंभ किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनबीएम 2.0 एनबीएम 1.0 की सफलता पर आधारित है, जिसके तहत लगभग 8 लाख टावर स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहा, “ब्रॉडबैंड उपभोक्ता 66 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ हो गए हैं। यह वृद्धि एनबीएम 2.0 की शुरूआत के लिए प्रमुख बिंदु और आधार के रूप में कार्य करती है।”
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बताया, “आज भारत दूरसंचार और डिजिटल दोनों क्षेत्रों में वैश्विक अग्रणी भूमिका में है। 531 मिलियन से अधिक भारतीय अब इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़े हैं। हमारे मजबूत दूरसंचार नेटवर्क द्वारा संचालित यूपीआई के माध्यम से, हमने पिछले साल 172 बिलियन लेनदेन की सुविधा प्रदान की, जिसकी राशि लगभग 247 लाख करोड़ थी। देश की वृद्धि आंतरिक रूप से हमारे दूरसंचार नेटवर्क की मजबूती से जुड़ी हुई है। इसी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन शुरू किया गया था।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनबीएम 2.0 का प्राथमिक उद्देश्य देश भर के शेष 1.7 लाख गांवों को जोड़ना और महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करना है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 60 को ब्रॉडबैंड संपर्कता की सुविधा मिले। इसके अलावा, हमारा लक्ष्य 100 एमबीपीएस की न्यूनतम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड हासिल करना है, जिससे ग्रामीण भारत के लिए एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार हो सके।”
ई-गवर्नेंस से लेकर आपदा प्रबंधन तक, एनबीएम 2.0 हर क्षेत्र को बदलने का वादा करता है और इसमें देश भर में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। यह पहल केवल बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में नहीं है – यह एक डिजिटल रूप से समावेशी भविष्य के लिए आधार बनाने के संबंध में है, जहां संपर्कता हर नागरिक को सशक्त बनाती है। जैसे-जैसे भारत इस डिजिटल यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, मिशन स्पष्ट है: एक जुड़ा हुआ, लचीला और दीर्घकालीन भारत बनाना जहां प्रौद्योगिकी और नवाचार सभी की समृद्धि के लिए सफल हो।
एनबीएम 2.0 का लक्ष्य भारत को डिजिटल परिवर्तन के एक नए युग में ले जाना है। प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप , यह सभी के लिए हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और सार्थक संपर्कता प्रदान करके भारत की एक वैश्विक ज्ञान समाज के रूप में परिकल्पना करता है। एनबीएम 1.0 (2019-2024) की सफलता के आधार पर, एनबीएम 2.0 के मुख्य लाभ निम्नलिखित होंगे:
डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग
डिजिटल भारत निधि (डीबीएन), जिसे पहले यूएसओएफ के नाम से जाना जाता था, ने अपने व्यापक मोबाइल टावर परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार अंतर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे कठिन क्षेत्रों में डीबीएन द्वारा वित्तपोषित दूरसंचार टावर विशिष्ट टीएसपी के ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं जिन्होंने डीबीएन के वित्तपोषण से मोबाइल टावर स्थापित किया है। अभी तक, अन्य टीएसपी के ग्राहकों को डीबीएन द्वारा वित्तपोषित टावर का लाभ नहीं मिल पाया है।
कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4G मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “यह एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसमें हमारे तीन टीएसपी – बीएसएनएल, एयरटेल और रिलायंस – सभी डीबीएन-वित्तपोषित साइटों पर एक-दूसरे के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए एकजुट हैं। लगभग 27,836 ऐसी साइटों के साथ, हम न केवल संपर्कता सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि देश भर के ग्राहकों को पसंद की स्वतंत्रता भी प्रदान कर रहे हैं।”
डीबीएन द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर टीएसपी के बीच आईसीआर से कई टीएसपी के ग्राहक एक ही डीबीएन द्वारा वित्तपोषित टावर से 4जी सेवाओं का आनंद ले सकेंगे, बजाय इसके कि विभिन्न टीएसपी के लिए कई टावर हों। इसलिए, ऑपरेटरों और सरकार के कम पूंजीगत व्यय निवेश के माध्यम से अधिक ग्राहकों को लाभ मिलता है। यह पहल लगभग 27,000 टावरों द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले 35,400 से अधिक ग्रामीण और दूरदराज के गांवों के लिए निर्बाध 4जी संपर्कता का वादा करती है।
दूरसंचार विभाग की नागरिक-केंद्रित पहलों पर प्रकाश डालते हुए दूरसंचार सचिव, डॉ.नीरज मित्तल ने इस बात पर जोर दिया कि संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन व्यक्तियों को सशक्त बनाएगा और घोटालों की समस्या को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि डीबीएन द्वारा वित्तपोषित साइटों पर इंट्रा ऑपरेटर रोमिंग विशेष रूप से देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए उपयोगी होगी।
इस कार्यक्रम में सचिव (दूरसंचार) और डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल, डीसीसी के सदस्य (सेवाएं) रोहित शर्मा, और डीसीसी के सदस्य (प्रौद्योगिकी) संजीव के. बिदवई, अपर सचिव (टी) गुलजार नटराजन और केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
संचार साथी के बारे में
दूरसंचार विभाग की कई नागरिक केंद्रित पहलों में से संचार साथी पहल ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। मई 2023 में जारी किए गए संचार साथी पोर्टल ( www.sancharsaathi.gov.in ) ने साइबर धोखाधड़ी से निपटने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और 9 करोड़ से अधिक परिदर्शन, 2.75 करोड़ धोखाधड़ी वाले मोबाइल कनेक्शनों को काटने और 25 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए उपकरणों को सुरक्षित पाने करने जैसे उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल किए हैं। इसके अतिरिक्त, साइबर अपराधों से जुड़े 12.38 लाख व्हाट्सएप खातों को बंद कर दिया गया है और वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए 11.6 लाख अवैध बैंक खातों को बंद किया गया है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय आने वाली धोखाधड़ी कॉल रोकथाम प्रणाली की शुरुआत की, जो धोखाधड़ी वाली कॉल्स से जुड़े साइबर अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है। इन सक्रिय उपायों से फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियां, कर धोखाधड़ी और कानून प्रवर्तन एजेंसियों का छद्मवेश धारण करने जैसी धोखाधड़ी को रोकने में काफी मदद मिली है, जिससे नागरिकों को साइबर खतरों से सुरक्षा मिली है।
दूरसंचार विभाग के डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों, राज्य पुलिस, I4सी, जीएसटीएन, बैंकों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, सेबी, सीबीडीटी, डीजीजीआई, आईबी, सीबीआई, वाट्सअप आदि सहित 520 से अधिक संगठनों को सहायता प्रदान करते हुए साइबर अपराध से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ इसके सहयोग ने राष्ट्रीय दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत किया है।
ये पहल डिजिटल दूरी को कम करने और भारत की वैश्विक डिजिटल स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए दूरसंचार विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
एनबीएम 1.0 के बारे में
यह मिशन राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 का भाग है। मिशन का उद्देश्य डिजिटल संचार अवसंरचना के विकास को तेज़ करना, डिजिटल दूरी को मिटाना, डिजिटल सशक्तिकरण और समावेशन को सुविधाजनक बनाना और सभी के लिए ब्रॉडबैंड की सस्ती और सार्वभौमिक पहुँच प्रदान करना है। यह मिशन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुँच में सुधार, आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और डिजिटल संपर्कता के माध्यम से सामाजिक समावेशन को बढ़ाने के सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के साथ भी जुड़ा हुआ है।
एनबीएम 1.0 की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
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