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Union Minister Kiren Rijiju addresses the opening ceremony of the United Nations Vesak Day
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज हो ची मिन्ह सिटी में वेसाक के संयुक्त राष्ट्र दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। वियतनाम के राष्ट्रपति लुओंग कुओंग, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके, वियतनाम बौद्ध संघ के संघराजा थिच त्रि क्वांग और अन्य नेताओं ने भी समारोह को संबोधित किया। किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक बधाई और संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की शाश्वत शिक्षाएं वर्तमान वैश्विक चुनौतियों में से अधिकांश के लिए गहन अंतर्दृष्टि और समाधान प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत विकल्पों के प्रभाव के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भारत की मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) की पहल बौद्ध दर्शन में गहराई से निहित है। उन्होंने भगवान बुद्ध के अनुयायियों को भारत में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से जुड़े पवित्र स्थलों की यात्रा करने और इस जीवंत विरासत से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया। किरेन रिजिजू ने हो ची मिन्ह सिटी में संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस समारोह के दिन पवित्र बुद्ध अवशेषों की उपस्थिति के महत्व को भी बताया।

किरेन रिजिजू ने वियतनाम के राष्ट्रपति लुओंग कुओंग से अलग से मुलाकात की। भारत और वियतनाम के बीच बहुआयामी सहयोग में अनुकूल प्रगति को महत्व देते हुए, दोनों नेताओं के पक्षों ने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए सहयोग की पुष्टि की। राष्ट्रपति कुओंग ने भारत सरकार द्वारा वियतनाम को पवित्र बुद्ध अवशेष भेजने की सराहना की। वियतनाम के राष्ट्रपति के साथ भारत के संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, वियतनाम के जातीय और धार्मिक मामलों के मंत्री, पोलित ब्यूरो के सदस्य और हो ची मिन्ह सिटी के पार्टी सचिव ने काशी के नजदीक सारनाथ से हो ची मिन्ह सिटी के पैगोडा (मंदिर) में लाए गए पवित्र बुद्ध अवशेषों को श्रद्धांजलि दी।

किरेन रिजिजू ने वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में वेसाक के संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर भगवान बुद्ध की भारतीय मूर्तियों की प्रदर्शनी और साथ ही भारत में बौद्ध स्मारकों के डिजिटल जीर्णोद्धार का भी दौरा किया। उन्होंने भारत और वियतनाम में बौद्ध कला और मूर्तियों की तुलनात्मक प्रदर्शनी का भी दौरा किया, जिससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच डेढ़ हजार साल से भी अधिक पुराने बौद्ध संबंध आध्यात्मिकता से परे कला और संस्कृति के क्षेत्रों तक फैले हुए हैं।

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