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Union Minister Manohar Lal distributed skill certificates to workers trained under CPWD Labour Skill Training Program
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केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने CPWD श्रम कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित श्रमिकों को कौशल प्रमाण पत्र वितरित किए

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों एवं बिजली मंत्री मनोहर लाल ने आज नई दिल्ली के सेवा नगर, कस्तूरबा नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) द्वारा आयोजित श्रम कौशल प्रमाणन समारोह में हिस्सा लिया। यह समारोह भारत सरकार के कौशल भारत मिशन के तहत आयोजित किया गया था।

इसमें 40 ‘श्रमिकों’ ने एमआईवीएन शटरिंग सिस्टम में 80 घंटे का कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया है। मनोहर लाल ने इस अवसर पर श्रमिकों को कौशल प्रमाण पत्र और पहचान पत्र प्रदान किए।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सीपीडब्ल्यूडी की पहल के अंतर्गत जीपीआरए परियोजना में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य निर्माण स्थलों पर ही प्रशिक्षण देकर श्रमिकों को कुशल बनाना है। इस कार्यक्रम में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास आर. कटिकिथला, सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक सतिंदर पाल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कार्यबल को आधुनिक निर्माण कौशल से लैस करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुशल श्रमिकों की कमी अक्सर बुनियादी ढांचे के विकास की गुणवत्ता और गति को प्रभावित करती है। उन्होंने जमीनी स्तर पर ही प्रशिक्षण देने और इसे राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के साथ जोड़ने के सीपीडब्ल्यूडी के प्रयासों की सराहना की।

श्रमिकों, ठेकेदारों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में कौशल विकास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि निर्माण उद्योग को वांछित गुणवत्ता मानकों को प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है। सीपीडब्ल्यूडी ने इस कौशल अंतर को दूर करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने घोषणा की कि सीपीडब्ल्यूडी अगले वित्तीय वर्ष में प्रशिक्षित किए जाने वाले श्रमिकों की संख्या को इस वर्ष के 10,000 से बढ़ाकर 25,000 कर देगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब ठेकेदारों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे 10,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाली परियोजनाओं में कम से कम 20 प्रतिशत प्रमाणित कुशल श्रमिकों को काम पर रखें या उन्हें साइट पर ही औपचारिक प्रशिक्षण प्रदान करें।

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