केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज पुडुचेरी में उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी, केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
इसमें एनएच-32 पर इंदिरा गांधी स्क्वायर और राजीव गांधी स्क्वायर के बीच 4 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए आधारशिला रखना, एनएच-332ए पर 14 किलोमीटर ईसीआर रोड में सुधार और एनएच-32 के 38 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले पुडुचेरी-पूंडियांकुप्पम खंड का उद्घाटन शामिल है।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना और इंदिरा गांधी स्क्वायर से राजीव गांधी स्क्वायर तक शहरी क्षेत्र में यातायात की भीड़भाड़ को कम करना है, जिससे यात्रा का समय 35 मिनट से घटकर केवल 10 मिनट रह जाएगा। ये परियोजनाएँ पुडुचेरी के शहरी क्षेत्रों में भी भीड़भाड़ कम करेंगी, जिससे ईंधन की बचत होगी, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन कम होगा और परिचालन लागत कम होगी।
सड़क नेटवर्क के बेहतर होने से मनकुला विनयगर मंदिर, नटराज मंदिर, नवग्रह मंदिर और श्री अरबिंदो आश्रम जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। विलुप्पुरम से कुड्डालोर, चिदंबरम और नागपट्टिनम की ओर जाने वाले वाहन चालक अब व्यस्त पुडुचेरी शहर को बायपास कर सकेंगे जिससे यात्रा का लगभग 50 मिनट का समय बचेगा।
ये परियोजनाएं केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन और व्यापार को पर्याप्त बढ़ावा देंगी। इसके साथ ही ऑरोविले और पिचवरम जैसे प्रमुख स्थलों तक निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करेंगी जिससे संस्कृति, वाणिज्य और कनेक्टिविटी के जीवंत केंद्र के रूप में पुडुचेरी की स्थिति मजबूत होगी।
नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय समृद्धि के लिए बुनियादी ढाँचे के विकास के महत्व पर ज़ोर दिया और जॉन एफ. कैनेडी के इस कथन को याद किया कि “अमेरिका समृद्ध है क्योंकि अमेरिकी सड़कें अच्छी हैं।” उन्होंने कहा कि 2014 से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने बुनियादी ढाँचे के विकास को प्राथमिकता दी है।
इस क्षेत्र की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्कों में से एक बन गया है। उन्होंने नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं को अपनाने पर ज़ोर दिया और इस दर्शन पर ज़ोर दिया कि कोई भी सामग्री बेकार नहीं है और कोई भी व्यक्ति बेकार नहीं है और सड़क निर्माण के लिए नगरपालिका के कचरे का उपयोग करने की पहल की घोषणा की।
नितिन गडकरी ने बताया कि 80 लाख टन नगरपालिका अपशिष्ट का उपयोग सड़क परियोजनाओं में किया जा चुका है। इसमें दिल्ली भी शामिल है जहाँ गाजीपुर कूड़े के ढेर की ऊँचाई 7 मीटर कम कर दी गई है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ बुनियादी ढाँचे के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के संसाधनों का उपयोग करके झीलें बनाने के लिए चल रहे प्रयासों उल्लेख किया। इससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी और जल भंडारण क्षमता में सुधार होगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उन्होंने भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कृषि को ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों में विविधतापूर्ण बनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और जैव ईंधन तथा इथेनॉल-आधारित प्रौद्योगिकियों के सफल उदाहरण दिए।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टरों और अन्य कृषि मशीनरी को इथेनॉल, सीएनजी या बिजली से चलाने के लिए अनुकूलित किया जा रहा है जिससे किसानों को सालाना ₹1.5 लाख तक की बचत हो सकती है। मंत्री ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और वैकल्पिक ईंधन लॉजिस्टिक्स लागत कम करने और निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आईआईटी चेन्नई, आईआईटी कानपुर और आईआईएम बैंगलोर की रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि भारत की लॉजिस्टिक्स लागत 16% से घटकर 10% हो गई है और दिसंबर तक इसे एकल अंक तक लाने का लक्ष्य है।
नितिन गडकरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अब ऑटोमोबाइल विनिर्माण में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। इस उद्योग का मूल्य 22 लाख करोड़ रुपये है जो 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा कर रहा है और महत्वपूर्ण जीएसटी राजस्व प्रदान कर रहा है।
नितिन गडकरी ने निम्नलिखित नई परियोजनाओं को भी मंजूरी देने की घोषणा की।
650 करोड़ रूपये की कुल लागत पर नटेसन नगर को मरापलम जंक्शन से जोड़ने वाला चार-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर (3 किमी) और चार-लेन एरियानकुप्पम से मुल्लोदाई खंड (13.5 किमी)।
एनएच 332ए (46 किमी) का चार लेन वाला मरक्कनम-पुदुचेरी खंड, जिसकी लागत 2,200 करोड़ रुपये है।
एनएच 48 पर मदुरै से श्रीपेरंबदूर तक छह लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर (8 किमी) जिसकी लागत ₹1,600 करोड़ है।
कराईकल जिले में एनएच 32 खंड का सुदृढ़ीकरण (22 किमी) जिसकी लागत 60 करोड़ रुपये है।
एनएच 32 पर केसीबीटी बस टर्मिनल से चेंगलपट्टू स्थित महिंद्रा सिटी तक छह लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर, जिसकी लागत 3,000 करोड़ रुपये है।
उन्होंने आगे बताया कि पुडुचेरी के लिए 25,000 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की योजना बनाई गई है जिसमें से 3,100 करोड़ रुपये (85 किमी) की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 11,000 करोड़ रुपये (200 किमी) की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, तथा 10,300 करोड़ रुपये (103 किमी) की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।
मंत्री ने छोटे पुलों के निर्माण के लिए सेतु बंधन योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये की घोषणा भी की।
उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी परियोजनाओं में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता बनाए रखी जाएगी तथा भ्रष्टाचार और खराब कार्य करने वालों के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति पर जोर दिया जाएगा।
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