केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उत्तर प्रदेश के नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले का किया उद्घाटन
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले का उद्घाटन किया। इस विशेष अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और कमलेश पासवान भी उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखपति दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों को लखपति बनाने में सरस का बहुत बड़ा योगदान है। वो अपनी कला से अपनी आय में बढ़ोतरी कर रही हैं। मैं सभी भाइयों-बहनों से आग्रह करता हूं कि हमें ग्रामीण उत्पादकता को बढ़ावा देना चाहिए।
डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अपने संबोधन में कहा कि यह केवल एक मेला नहीं बल्कि एक आंदोलन बन गया है, एक ऐसा आंदोलन जहां महिलाएं कामगार नहीं, काम देने वाली बन रही है। केवल गृहणी ही नहीं बल्कि उद्यमी हैं और केवल लाभार्थी ही नहीं बल्कि भारत की आर्थिक प्रगति की नेता हैं। स्वयं सहायता समूह – एसएचजी दीदी अब GeM-Government e marketplace के माध्यम से सरकार को सीधे उत्पाद बेच रही हैं।
वहीं, कमलेश पासवान ने कहा कि सरस मेला एक पहचान बन चुका है। लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूह – एसएचजी ग्रुप दोनों के लिए यह कार्यक्रम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का बड़ा माध्यम बना हुआ है। यह मेला सिर्फ मेला नहीं बल्कि एक बड़ा प्लेटफार्म है, जिससे आने वाले वक्त में लोग ऑर्गेनिक की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।
सरस आजीविका मेला 2025 का आयोजन 21 फरवरी से 10 मार्च 2025 तक किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत की शिल्प और कलाओं को प्रदर्शित करना है। पांचवीं बार प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2025 का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के सहयोग से परंपरा, कला और संस्कृति तथा “लखपति एसएचजी दीदियों की निर्यात क्षमता का विकास” थीम के साथ किया जा रहा है।
सरस में पहुंच रहे आगंतुक, 30 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों का आनंद ले रहे हैं। एसएचजी द्वारा बनाए गए हथकरघा, हस्तशिल्प और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों को प्रदर्शनी और बिक्री के लिए 200 स्टॉल पर प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा 20 राज्यों के 25 लाइव फ़ूड स्टॉल भी नोएडा हाट में अपने जातीय व्यंजनों और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर के लगभग 450 एसएचजी सदस्य इस सरस आजीविका मेले में भाग ले रहे हैं।
सरस आजीविका मेला 2025 में विभिन्न राज्यों के हथकरघा, साड़ियों और ड्रेस मटीरियल का बेहतरीन प्रदर्शन किया जा रहा है। मेले में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले राज्य हैं- आंध्र प्रदेश की कलमकारी, असम की मेखला चादर, बिहार की कॉटन और सिल्क, छत्तीसगढ़ की कोसा साड़ी, गुजरात की भारत गुंथन और पैचवर्क, झारखंड की तसर सिल्क और कॉटन, मध्य प्रदेश से चंदेरी और बाग प्रिंट, मेघालय से एरी उत्पाद, ओडिशा से तसर और बंधा, तमिलनाडु से कांचीपुरम, तेलंगाना से पोचमपल्ली, उत्तराखंड से पश्मीना, पश्चिम बंगाल से कांथा, बाटिक प्रिंट, तांत और बालूचरी। मेले में विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प, आभूषण और घर की सजावट के उत्पाद भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इसके अलावा खाद्य स्टॉल पर अदरक, चाय, दाल, कॉफी, पापड़, सेब जैम और अचार जैसे प्राकृतिक खाद्य उत्पाद भी उपलब्ध हैं।
सरस मेले में वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों के लिए जोन और माताओं की देखभाल के लिए व्यवस्था की गई है। सरस मेले के दौरान आगंतुक हर दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद उठा रहे हैं। एसएचजी दीदियों की निर्यात क्षमता के विकास के लिए नोएडा हाट में सरस मेला परिसर में एक समर्पित निर्यात संवर्धन मंडप बनाया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दीन दयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शुरू की गयी इस पहल का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी आजीविका और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान और ‘2047 तक विकसित भारत’ के विजन को बढ़ावा मिलेगा।