केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भारत जैव-ऊर्जा और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी 2024 में भारत की जैव ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति पर प्रकाश डाला
भारत जैव-ऊर्जा और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी 2024 (आईबीईटीई) के उद्घाटन सत्र में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जैव-ऊर्जा क्षेत्र में भारत की प्रगति और देश की ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन की दिशा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात पर बल दिया कि जैव ऊर्जा तेजी से जीवाश्म ईंधन का एक महत्वपूर्ण विकल्प बनता जा रहा है, जो विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरणीय लाभ और आर्थिक अवसर दोनों प्रदान करता है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने संबोधन में, जैव ऊर्जा क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आयात निर्भरता को कम करने, विदेशी मुद्रा बचाने और एक पुनः उपयोग वाली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। सरकार की रणनीति में इथेनॉल और जैव डीजल मिश्रण, कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी), टिकाऊ विमानन ईंधन, बायोमास उपयोग (जैसे छर्रे और ब्रिकेट), जैव हाइड्रोजन और अपशिष्ट-से-ऊर्जा समाधान सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्र सम्मिलित हैं।
हरदीप सिंह पुरी द्वारा आज बताई गई असाधारण उपलब्धियों में से एक भारत के इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम की सफलता की गाथा थी। अपनी स्थापना के बाद से, इथेनॉल मिश्रण प्रतिशत वर्ष 2014 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 15 प्रतिशत हो गया है। इस प्रगति से प्रोत्साहित होकर, सरकार ने वर्ष 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण तक पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है और सरकार आत्मविश्वास से इस लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। पिछले एक दशक में, इस पहल ने विदेशी मुद्रा में 99,014 करोड़ रुपये की बचत, कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन में 519 लाख मीट्रिक टन की कमी, और 173 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल के स्थान पर अन्य संसाधनों के उपयोग सहित महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किए हैं। इसके अलावा, इस कार्यक्रम से बहुत अधिक आर्थिक लाभ भी हुआ है, इनमें तेल विपणन कंपनियों ने डिस्टिलर्स को 1,45,930 करोड़ रुपये और किसानों को 87,558 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ई 20 ईंधन की व्यापक उपलब्धता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह ईंधन अब पूरे भारत में 15,600 से अधिक खुदरा दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। उन्होंने उन्नत जैव ईंधन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने में आवश्यक भूमिका के लिए प्रधानमंत्री जी-वन योजना की प्रशंसा की। यह योजना एक स्थायी इथेनॉल उत्पादन इकोसिस्टम विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई कई प्रमुख सरकारी पहलों की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से, पराली और बांस जैसे कृषि अवशेषों को इथेनॉल में परिवर्तित करने के लिए पानीपत और नुमालीगढ़ में दो दूसरी पीढ़ी (2जी) रिफाइनरियां स्थापित करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये तेल शोधक संयंत्र किसानों को “ऊर्जादाता” या ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय योगदानकर्ताओं में परिवर्तित करते हुए प्रदूषण को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक हैं।
इथेनॉल उद्योग को और अधिक सहायता देने के लिए, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार ने इथेनॉल उत्पादन के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रस्तुत किए हैं। इनमें मक्का से प्राप्त इथेनॉल के लिए 9.72 रुपये प्रति लीटर, क्षतिग्रस्त चावल से इथेनॉल के लिए 8.46 रुपये प्रति लीटर और सी-हैवी शीरा से इथेनॉल के लिए 6.87 रुपये प्रति लीटर का प्रोत्साहन भी शामिल हैं। इन प्रोत्साहनों ने इथेनॉल उत्पादन में मक्के के योगदान को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा दिया है, जो वर्ष 2021-22 में मात्र 0 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2023-24 में इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) में 36 प्रतिशत हो गया है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त सरकार ने इथेनॉल डिस्टिलरीज को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) चावल की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी है, जिससे अगस्त से अक्टूबर 2024 तक ई-नीलामी के माध्यम से 23 लाख टन तक खरीद की अनुमति मिल जाएगी। वर्ष 2024-25 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करते हुए, नवंबर 2024 से गन्ने के रस और सिरप की डिस्टिलरीज़ को आपूर्ति करने के लिए भी काम शुरू हो जाएगा।
हरदीप सिंह पुरी ने सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भरता से बचने के लिए इथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल में विविधता लाने के महत्व पर बल दिया। इथेनॉल के लिए स्थिर और लाभकारी मूल्य प्रदान करने की सरकार की चल रही नीति ने गन्ना किसानों के लंबित बकाया को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है, कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम कर दी है और पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हुए विदेशी मुद्रा की बचत में योगदान दिया है।
पेट्रोलियम मंत्री महोदय ने देश भर में 400 से अधिक खुदरा दुकानों पर ई100 ईंधन की बिक्री की सफल शुरूआत के साथ इथेनॉल ईंधन विस्तार में एक प्रमुख उपलब्धि प्रदर्शित की है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सड़क परिवहन और राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ई100 ईंधन के अनुकूल वाहन का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने इथेनॉल मिश्रण के बारे में आम गलतफहमियों के बारे में स्पष्ट किया कि पेट्रोल के साथ इथेनॉल का मिश्रण न केवल ऑक्टेन संख्या को बढ़ाकर इंजन के प्रदर्शन में सुधार करता है बल्कि इंजन दक्षता को भी बढ़ाता है। कुछ चिंताओं के विपरीत, ईंधन में इथेनॉल की मौजूदगी प्री-इग्निशन नॉक को रोकने में सहायता करती है और पूरे इंजन संचालन में सुधार करती है।
वैश्विक प्रथाओं से प्रेरणा लेते हुए, हरदीप सिंह पुरी ने ब्राजील द्वारा वाहनों में 60-70 प्रतिशत तक उच्च इथेनॉल मिश्रण के सफल उपयोग का हवाला दिया, जो उच्च इथेनॉल सामग्री की व्यवहारिकता को दर्शाता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत ई20 उत्पादन को बढ़ाने और पुराने वाहनों में परिवर्तिति ईंधन के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के उपायों के साथ परिवर्तन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सक्रिय दृष्टिकोण के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग की भी प्रशंसा की। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह देखते हुए कि वाहन उत्पादक न केवल नए ई20-अनुरूप वाहनों का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि पुराने मॉडलों के लिए रेट्रोफिट किट भी विकसित कर रहे हैं। ये किट, जिन्हें नियमित सर्विसिंग के दौरान स्थापित किया जा सकता है, पुराने वाहनों को समायोजित करने और जैव ईंधन अपनाने को प्रोत्साहन देने में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने अंत में, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता और कार्बन उत्सर्जन को कम करने, स्वच्छ और अधिक टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में जैव ईंधन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान स्थापित वैशिक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) पर भी चर्चा की, जो ज्ञान साझा करने, प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और जैव ईंधन में 500 अरब डॉलर के अवसर का उपयोग करने और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से वैश्विक रूप से अपनाने में तेजी लाने के लिए नीतियां विकसित करने के लिए एक सहयोगी मंच के रूप में कार्य करता है।
भारत जैव ईंधन और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी 2024 का आयोजन भारतीय हरित ऊर्जा संघ (आईएफजीई) और एमएम एक्टिव साइंस-टेक कम्युनिकेशंस लिमिटेड द्वारा 2 सितंबर से 4 सितंबर, 2024 तक नई दिल्ली के द्वारका में यशोभूमि में किया जा रहा है। नितिन गडकरी, और हरदीप सिंह पुरी ने आज इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम भारत के जैव ऊर्जा क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें प्रमुख सरकारी नीतियों जैसे कि जैव ईंधन 2018 पर राष्ट्रीय नीति और संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी) पर एसएटीएटी योजना पर प्रकाश डाला जाएगा। यह इथेनॉल, संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी) और एसएएफ के लिए विशिष्ट सम्मिश्रण लक्ष्य; रिपर्पज़ यूज्ड कुकिंग ऑयल (आरयूसीओ) पहल; गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबरधन); और समर्थ मिशन जैसी सरकारी पहलों को भी कवर करेगा।