केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष लॉर्ड सेबेस्टियन कोए से मुलाकात की
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ विश्व एथलेटिक्स के अध्यक्ष तथा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य लॉर्ड सेबेस्टियन कोए के साथ बैठक की। बैठक में विश्व एथलेटिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन रिजन तथा विश्व एथलेटिक्स की अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध एवं विकास निदेशक हेलेन डेलानी भी मौजूद थीं।
बैठक में 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की भारत की मंशा और जमीनी स्तर से उत्कृष्टता हासिल करने तक एथलेटिक्स के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री ने विश्व एथलेटिक्स अध्यक्ष को 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत द्वारा आईओसी को भेजे गए आशय पत्र से अवगत कराया।
डॉ. मांडविया ने स्थायी, समावेशी और प्रेरक खेलों की मेजबानी करने के भारत के संकल्प के बारे में बातचीत की और कहा कि ओलंपिक 2036 की मेजबानी करने की हमारी महत्वाकांक्षा वैश्विक पटल पर भारत की सांस्कृतिक विरासत और खेल क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए सरकार, उद्योग और समाज के प्रत्येक स्तर पर व्यापक समर्थन को दर्शाती है। उन्होंने पिछले मेजबान शहरों की विरासत को आगे बढ़ाने, सीखे गए सबक को शामिल करने, स्थिरता को प्राथमिकता देने और विविधता का जश्न मनाने वाले खेलों को शामिल करने की भारत की आकांक्षाओं के बारे में विस्तार से बात की।
केंद्रीय मंत्री ने विश्व एथलेटिक्स अध्यक्ष को बताया कि भारत वैश्विक खेल इकोसिस्टम को आकार देने में विश्व एथलेटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानता है और मंत्रालय विश्व निकाय के साथ अपने सहयोग को गहरा करने और एथलेटिक्स के अनुशासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में उनका मार्गदर्शन चाहता है, ताकि भारत के अधिक से अधिक एथलीट ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में मैडल प्राप्त कर सकें।
डॉ. मांडविया ने विश्व एथलेटिक्स के प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्र निर्माण, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए खेलों का लाभ उठाने और जमीनी स्तर से वैश्विक उत्कृष्टता पाइपलाइन को बढ़ावा देने की परिकल्पना वाले राष्ट्रीय खेल नीति, 2024 के मसौदे के बारे में भी जानकारी दी और हाल ही में परामर्श के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखे गए राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के मसौदे के बारे में भी बताया, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और ओलंपिक मूल्यों के साथ संरेखित खेल निकायों और खेल संघों में पारदर्शिता, सुशासन और नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना है।
बैठक के दौरान भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला, भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के महासचिव रविन्द्र चौधरी, खेल विभाग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।