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Union Tourism Minister Gajendra Singh Shekhawat inaugurated the 12th edition of International Tourism Mart at Kaziranga
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केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने काजीरंगा में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के 12वें संस्करण का उद्घाटन किया

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज असम के काजीरंगा में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) के 12 वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित थे।

गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में पूर्वोत्तर की विरासत, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक संपदा को रेखांकित किया तथा इसके समृद्ध व्यंजनों, शिल्प और जैव विविधता पर जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आईटीएम पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का उल्लेखनीय अवसर तो है ही साथ ही यह दुनिया भर के लोगों को इस क्षेत्र की असाधारण विरासत को देखने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।

उन्होंने काजीरंगा में आईटीएम की मेजबानी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वोत्तर के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। काजीरंगा में आयोजित इस आयोजन को विशेष बताते हुए उन्होंने ने कहा कि पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में विकास की गति में तेजी आई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि काजीरंगा में आईटीएम का आयोजन काजीरंगा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किए जाने की 50वीं वर्षगांठ के जश्न के साथ मेल खाता है। उन्होंने सहमति जताई कि पार्क का क्षेत्रफल पिछले 10 वर्षों में 400 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 1,300 वर्ग किलोमीटर हुआ है जो उल्लेखनीय विकास है।

यह आयोजन न केवल काजीरंगा की विरासत का जश्न है, बल्कि पूर्वोत्तर की विशाल पर्यटन संभावनाओं को तलाशने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है। गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और यह मार्ट इसे बढ़ाने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की पर्यटन क्षमता और अधिक बढ़ेगी, तथा इसमें पूर्वोत्तर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मार्ट अंतरराष्ट्रीय छात्रों और वैश्विक प्रभावशाली लोगों को क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि को देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूर्वोत्तर में पर्यटन की विशाल संभावनाओं को न केवल उद्योग के रूप में बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पारिस्थितिकी संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए एक परिवर्तनकारी ताकत के रूप में भी उजागर करेगा।

26 से 29 नवंबर, 2024 तक असम के काजीरंगा में आईटीएम का आयोजन किया जाएगा, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी विविध स्थलाकृति, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों, जीवंत जातीय समुदायों, प्राचीन परंपराओं, त्योहारों और प्रचुर कला और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और शानदार एक सींग वाले गैंडे का आवास स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान इस आयोजन के आकर्षण को और बढ़ा देता है।

असम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा प्रकाशित असम पर एक कॉफी टेबल बुक “गुवाहाटी एंड अराउंड” का भी विमोचन किया गया। यह पुस्तक गुवाहाटी और उसके सुरम्य परिवेश की समृद्ध विरासत, संस्कृति और विविधता पर व्यापक नज़र डालती है। यह पुस्तक शब्दों में एक दृश्य टेपेस्ट्री है जो इस क्षेत्र के वास्तविक सार को दर्शाती है।

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट पूर्वोत्तर भारत के पर्यटन और सांस्कृतिक कौशल की कई उपलब्धियों का जश्न है। इस साल जुलाई में, ‘चराइदेव के मोइदम’ को भारत के 43 वें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था। महान अहोम राजवंश के समय से सांस्कृतिक विरासत के रूप में, विश्व धरोहर के रूप में उनकी घोषणा असम और पूर्वोत्तर भारत के विशाल पर्यटन और सांस्कृतिक महत्व का प्रमाण है। काजीरंगा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किए जाने के 50 साल पूरे होने का भी जश्न मनाया जा रहा है।

इस वर्ष के मार्ट में कई तरह की गतिविधियां शामिल रहीं, जिनमें राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तुतियां, बी2बी बैठकें, रोज़गार, नवाचार, डिजिटलीकरण, युवा उद्यमिता, वोकल फ़ॉर लोकल, महिला सशक्तिकरण, एडवेंचर टूरिज्म को आगे बढ़ाने पर केस स्टडी, वन्यजीवों का संरक्षण और संवर्धन, होमस्टे, वाइन टूरिज्म, क्यूरेटेड फ़ूड डेमोन्स्ट्रेशन, सांस्कृतिक संध्याएं, लाइव म्यूज़िक, नॉर्थईस्ट बाज़ार और चराइदेव मोइदम्स, रंगघर, काजीरंगा नेशनल पार्क, हाथीकुली चाय बागान और ऑर्किड और बायोडायवर्सिटी पार्क के तकनीकी दौरे शामिल थे। कार्यक्रम के बाद नॉर्थ ईस्ट के विभिन्न स्थलों का एफएएम टूर भी इसका हिस्सा है।

आईटीएम, पर्यटन मंत्रालय की ट्रैवल फॉर लाइफ पहल के साथ जुड़कर स्थिरता के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश करेगा। इस कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने और ऊर्जा-कुशल तरीकों को अपनाने पर केंद्रित है।

यह मार्ट क्षेत्र के नए पर्यटन उत्पादों पर आगे चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करता है और इस क्षेत्र के पर्यटन हितधारकों को समर्पित सत्रों के दौरान और अन्यथा उत्पादक बी2बी और बी2जी सत्रों में बातचीत और शामिल होने का अवसर प्रदान करता है, ताकि हम सामूहिक रूप से मिलकर काम कर सकें और यह सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभा सकें कि पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचे।

यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र में अध्ययन कर रहे अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और विश्व भर के प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ भी संवाद स्थापित करता है, तथा उन्हें क्षेत्र और समृद्ध संस्कृति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

पर्यटन मंत्रालय और पूर्वोत्तर राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, पर्यटन और आतिथ्य उद्योग संघों के प्रमुख और प्रतिनिधि, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और होमस्टे मालिक, पर्यटन सेवा प्रदाता, प्रभावशाली व्यक्ति और राय निर्माता, छात्र, युवा मित्र, प्रेस, मीडिया, स्थानीय प्रशासन और कई अन्य लोग सामूहिक रूप से भारत के अष्टलक्ष्मी – पूर्वोत्तर में पर्यटन की अपार संभावनाओं को पहचानने के लिए एकत्र हुए।

आईटीएम 2024 में 30 देशों से अधिकतम भागीदारी देखी गई है, जिसमें स्पेन, म्यांमार, थाईलैंड, भूटान, इटली, वियतनाम, रूस, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया और फ्रांस के 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रभावशाली व्यक्ति और फ्रांस, यूके, स्पेन, नीदरलैंड, रूस, थाईलैंड, वियतनाम, ब्रुनेई, लाओस, फिलीपींस, मलेशिया, नेपाल, म्यांमार, भूटान, श्रीलंका और डेनमार्क सहित 16 देशों के 24 अंतर्राष्ट्रीय टूर ऑपरेटर साथ ही कोरिया, नीदरलैंड, सेशेल्स, केन्या, जाम्बिया, बोत्सवाना, युगांडा, तंजानिया, इथियोपिया, नाइजीरिया, तुर्कमेनिस्तान, लाओस, सीरिया, म्यांमार, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश सहित 17 देशों के 20 अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।

इस कार्यक्रम में 46 भारतीय क्रेता, सात भारतीय प्रभावशाली व्यक्ति और 101 भारतीय विक्रेता भी भाग ले रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करना है। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जो आठ पूर्वोत्तर राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के पर्यटन व्यवसायों और उद्यमियों को एक साथ लाता है, ताकि खरीदारों, विक्रेताओं, मीडिया, सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग और बातचीत को बढ़ावा दिया जा सके।

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