लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पेश किया। सुरेश खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 22 प्रतिशत राशि विकास प्रयोजन के लिए, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि व संबद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत जबकि चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए छह प्रतिशत राशि आवंटित की गई है।
सुरेश खन्ना ने कहा, ‘‘हमने बजट में अनुसंधान, विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया है। ’’वित्त मंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में हुए विकास का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने महाकुंभ का जिक्र करते हुए इसे न केवल एक सांस्कृतिक तथा धार्मिक आयोजन बताया, बल्कि इसे भारत की प्राचीन आस्था व सांस्कृतिक अखंडता का प्रतीक करार दिया।
सुरेश खन्ना ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल बजट परिव्यय वित्त वर्ष 2025 के बजट परिव्यय से 9.8 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के बजट का आकार 7,36,437 करोड़ रुपये था जिसमें 24,863.57 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल थीं। वित्त मंत्री ने ‘आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी’ के निर्माण और ‘टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क’ की स्थापना की नई योजनाओं की भी घोषणा की।
राज्य के बजट में विधानसभा के आधुनिकीकरण के साथ-साथ विद्यालयों तथा ‘पॉलिटेक्निक’ में स्मार्ट कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के विकास का भी प्रावधान है। खन्ना ने बताया कि प्रदेश के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित करने का काम जारी है। इसके लिए एक नगर निकाय के लिए 2.50 करोड़ रुपये यानी कुल 145 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा प्रदेश के जिला मुख्यालयों में कामगारों/श्रमिकों के लिए शिविर बनाने की योजना पर काम किया जाएगा, जिसमें कैंटीन, पेयजल, स्नानघर व शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर, 2024 से ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ शुरू किया है। इस अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के सबसे गरीब परिवारों की पहचान कर उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने तथा उनकी वार्षिक आय कम से कम 1,25,000 रुपये तक पहुंचाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
सुरेश खन्ना ने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश को ‘‘अग्रणी राज्य’’ के रूप में मान्यता दी है, जिसमें स्वास्थ्य, पूंजीगत व्यय और समग्र आर्थिक वृद्धि में प्रगति पर प्रकाश डाला गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के भीतर बना हुआ है और विकास व्यय बढ़ाने तथा ऋणग्रस्तता कम करने के प्रयास सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों के बीच कर प्राप्तियों में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी देश में सबसे अधिक है, जो मजबूत वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है।’’
राज्य की अर्थव्यवस्था जो 2017 में मुश्किल स्थिति में थी अब दोगुनी हो गई है। वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 27.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। खन्ना ने बताया कि प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2016-2017 में 52,671 रुपये से बढ़कर 2023-2024 में 93,514 रुपये हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पर कहा, “पहली बार 65 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तर प्रदेश आए हैं जिनमें 14 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक थे। 2025-26 का यह बजट गरीब, अन्नदाता किसान और युवा महिलाओं के उत्थान को समर्पित है। यह बजट 8 लाख करोड़ रुपए से अधिक का है। यह बजट डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।”
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