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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ओढां में माता हरकी देवी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा, “यह पावन और ऊर्जावान भूमि राष्ट्र को अपार शक्ति प्रदान करने वाली है। इस धरती ने ऐसे महान पहलवानों को जन्म दिया है जिन्होंने भारत का नाम रोशन किया है। हरियाणा के युवाओं ने वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को ऊँचा किया है। इसीलिए मैं कहता हूँ – ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान, जय पहलवान।”

उपराष्ट्रपति ने आज हरियाणा के ओढां में माता हरकी देवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने किसानों के परिवारों के बच्चों के मानसिकता परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का नारा ‘जय जवान, जय किसान’ संकट के समय दिया गया एक आह्वान था। बाद में, अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इसे ‘जय विज्ञान’ तक विस्तारित किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इसे ‘जय अनुसंधान’ तक आगे बढ़ाया।

भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की परिवर्तनकारी भूमिका की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “चौधरी देवीलाल व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक विचार थे। उन्होंने भारतीय राजनीति को ऐतिहासिक रूप से नया स्वरूप दिया। उनका विचार, उनकी दृष्टि और उनकी प्रतिबद्धता पूरी तरह से गांवों, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाने के लिए थी। उनका अडिग संकल्प ग्रामीण संरचनाओं को मजबूत करने में निहित था।”

हरियाणा की गौरवशाली पहचान का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “हरियाणा की पहचान अमिट है; यह ऊर्जा और जीवंतता का केंद्र है। यहां देश के अन्नदाता रहते हैं और उनके साथ-साथ देश की सुरक्षा के प्रहरी भी इसी भूमि से आते हैं। इसीलिए आज हर किसान परिवार को आत्मचिंतन करना चाहिए। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव लाना होगा, और यह बदलाव हमारे युवा लड़के-लड़कियों के माध्यम से आएगा। कृषि उत्पाद विपणन खरबों डॉलर का उद्योग है—हम इसका हिस्सा क्यों नहीं बनते? आधुनिक डेयरी और लघु-उद्योगों में कृषि का मूल्य संवर्धन ही भविष्य है, और हमें इसे अपनाना होगा।”

चौधरी देवीलाल जी के बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा, “विकसित भारत केवल एक सपना नहीं है; यह हमारा लक्ष्य है। हमें यह याद रखना चाहिए कि गांवों और किसानों के सशक्तिकरण के माध्यम से ही हम इस महान युग और अभियान में अंतिम योगदान दे सकेंगे।”

उपराष्ट्रपति ने चौधरी देवीलाल जी के साथ अपनी आत्मीयता को याद करते हुए कहा, “मुझे आज भी वह दिन याद है जब मैंने पहली बार चौधरी देवीलाल जी के दर्शन जयपुर में किए थे। न मेरा उनसे कोई पारिवारिक संबंध था, न ही कोई पूर्व परिचय। वे शरीर से पराक्रमी थे, चेहरे से ओजस्वी थे, और जब उन्होंने मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा, तो मैंने उत्तर दिया, ‘मैं प्लीडर (वकील) हूँ।’ उन्होंने तुरंत कहा, ‘P’ को हटा दो, लीडर बनो।’ उसी क्षण से मेरी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई। यह मेरा परम सौभाग्य है कि मैं केंद्र में मंत्री रहा, पश्चिम बंगाल का राज्यपाल रहा, और आज भारत का उपराष्ट्रपति हूँ। इन सभी उपलब्धियों की जड़ में केवल चौधरी देवी लाल जी का योगदान नहीं है, बल्कि उनका संपूर्ण मार्गदर्शन है।”

उन्होंने यह भी स्मरण किया कि चौधरी देवीलाल जी ने उपप्रधानमंत्री और कृषि मंत्री के रूप में किसानों को ऋणमुक्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। उन्होंने कहा, “मुझे याद है जब चौधरी देवी लाल जी ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया था। कुछ अर्थशास्त्रियों ने इस पर सवाल उठाए थे, लेकिन मैं दृढ़ता से मानता हूँ कि जब किसान कर्ज मुक्त होते हैं, तो देश एक लंबी छलांग लगाता है।”

ग्रामीण युवाओं की क्षमता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, “किसानों के बच्चे अत्यंत प्रतिभाशाली हैं। अब समय आ गया है कि वे अपनी क्षमताओं को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत करें।”

शिक्षा को सबसे बड़ा समानता लाने वाला कारक बताते हुए उन्होंने कहा, “शिक्षा सबसे प्रभावी परिवर्तनकारी माध्यम है, जो बड़े बदलाव लाने, समानता स्थापित करने और असमानताओं को समाप्त करने में सक्षम है।” उन्होंने माता हरकी देवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस से अपने गहरे संबंध का उल्लेख करते हुए संस्थान के महत्व को स्वीकार किया और चौधरी ओम प्रकाश जी के दो दशकों की अथक मेहनत की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया, “मेरा इस संस्थान से संबंध अभी शुरू हुआ है; यह कभी समाप्त नहीं होगा।”

इस अवसर पर हरियाणा सरकार के लोक निर्माण (भवन एवं सड़के) और लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मंत्री रणबीर गंगवा, माता हरकी देवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक चौधरी अभय सिंह चौटाला, कांता चौटाला (चौधरी अभय सिंह चौटाला की पत्नी), माता हरकी देवी ग्रुप के अध्यक्ष मनिंदरपाल सिंह बराड़, प्रबंध निदेशक डॉ. कुलदीप कौर आनंद, डबवाली के विधायक आदित्य देवीलाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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