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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8 बिलियन डॉलर की हुई और अगले दशक में इसके 44 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद टीवी पर विशेष कार्यक्रम के दौरान राज्यसभा सदस्य विजय तन्खा के साथ भारत के बायोफार्मा और अंतरिक्ष क्षेत्रों तथा शासन एवं जलवायु कार्रवाई में देश की प्रगति के बारे में गहन बातचीत की।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और इस उन्नति के लिए इस क्षेत्र में निजी निवेश का मार्ग खोलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को श्रेय दिया। अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था बढ़कर 8 बिलियन डॉलर हो गई है और अगले दशक में इसके 44 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। स्वदेशी गगनयान मिशन, आगामी चंद्रयान-4 (2027), शुक्रयान (2028) और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2030) जैसी बड़ी उपलब्धियां भारत की मजबूत प्रगति को दर्ज कराती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप और एफडीआई की सराहना की, इससे स्पैडेक्स जैसे मिशन डॉकिंग क्षमताओं को बढ़ाते हैं, जो तकनीकी प्रगति की दिशा में बड़ी सफलता है। व्योम मित्र रोबो मिशन को मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के अग्रदूत के रूप में पेश किया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि बायो-मैन्युफैक्चरिंग और बायो फाउंड्रीज चौथी औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा देंगे। हिमालय से लेकर समुद्र तटों तक प्रचुर संसाधनों वाले भारत की जैव-अर्थव्यवस्था, विकास को गति देने के लिए सुर्खियों में रही। समर्पित जैव-अर्थव्यवस्था नीति वाले पहले देशों में से एक भारत, इस क्षेत्र में रीसाइक्लिंग, विनिर्माण और स्टार्टअप में वैश्विक नवाचार का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। डॉ. सिंह ने विकास की गति को बनाए रखने के लिए ज्ञान साझा करने, सार्वजनिक-निजी सहयोग और स्टार्टअप भागीदारी के लिए सरकार के समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भारत एक अग्रणी देश है जिसने अपनी बायो-ई3 नीति तैयार की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नागरिक-केंद्रित शासन व्यवस्था स्थापित करने पर जोर दिया।मिशन कर्मयोगी जैसी पहल भूमिका-आधारित क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देकर नौकरशाही को फिर से परिभाषित कर रही है। चेहरा पहचान-सक्षम डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र और गतिशील ऑनलाइन मॉड्यूल जैसे डिजिटल नवाचारों ने नागरिकों के जीवन को आसान बना दिया है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने और विषम जलवायु चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने टिकाऊ जीवन को बढ़ावा देने वाले प्रधानमंत्री के मिशन लाइफ को याद किया। उन्होंने स्वास्थ्य और पर्यावरण सम्बंधी चिंताओं को दूर करने में वैश्विक मानकों को पूरा करने वाले निवारक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पर भी प्रकाश डाला।

भारत सहयोगात्मक प्रयासों, पारदर्शिता और नवाचार के बल पर वैश्विक मंच पर विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तैयार अनुकूल वातावरण ने देश को स्टार्टअप, व्यवसायों और उद्योगों का केंद्र बना दिया है और इससे प्रौद्योगिकी, स्थिरता और शासन में अग्रणी के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

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