insamachar

आज की ताजा खबर

50 Maoists surrendered today in Bijapur district of Chhattisgarh
भारत मुख्य समाचार

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज 50 माओवादियों ने आत्‍मसमर्पण कर दिया

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज 50 माओवादियों ने आत्‍मसमर्पण कर दिया। इनमें से 13 माओवादियों के सर पर 68 लाख रूपए के इनाम की घोषणा की गई थी। यह पहली बार है जब राज्‍य में इतनी बड़ी संख्‍या में माओवादियों ने एक साथ आत्‍मसमर्पण किया है।

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक जितेन्‍द्र कुमार यादव ने कहा कि आत्‍मसमर्पण करने वाले माओवादियों में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी – पीएलजीए बटालियन और अन्‍य समूहों में सक्रिय कमांडर और उप-कमांडर स्‍तर के माओवादी शामिल हैं। आत्‍मसमर्पण करने वाले प्रत्‍येक माओवादी को राज्‍य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत प्रोत्‍साहन के रूप में 25 हजार रूपए का चैक दिया गया है।

राज्‍य के मुख्‍यमंत्री विष्‍णु देव साय ने कहा कि नए सुरक्षा शिविरों को लगातार स्‍थापित किए जाने और सड़क निर्माण तथा बस्‍तर संभाग के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विस्‍तार हुआ है। इन उपायों से सरकार में लोगों का विश्‍वास बढ़ा है। उन्‍होंने कहा कि उग्रवाद छोड़कर शांति की राह पर लौटने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए राज्‍य सरकार तैयार है।

गृह मंत्री अमित शाह ने 50 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यधारा में उनका स्वागत किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 50 नक्सलियों द्वारा हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यधारा में उनका स्वागत किया है। बाकी नक्सलियों से भी हथियार त्याग कर मुख्यधारा में आने की अपील करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीति स्पष्ट है कि हथियार छोड़कर विकास का मार्ग अपनाने वाले नक्सलियों का पुनर्वास कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा।

X पर एक पोस्ट में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “बहुत हर्ष का विषय है कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया। हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूँ। मोदी जी की नीति स्पष्ट है कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर विकास का मार्ग अपनाएँगे, उनका पुनर्वास कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा। बाकी लोगों से भी मैं पुनः अपील करता हूँ कि वे हथियार त्याग कर मुख्यधारा में आएँ। 31 मार्च 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा, यह हमारा संकल्प है।”

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *