‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 का थीम: ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी
अपने हालिया मन की बात संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दैनिक जीवन में फिटनेस के महत्व पर जोर दिया और फिट इंडिया कार्निवल तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहलों की प्रशंसा की। स्वस्थ विश्व जनसंख्या के लिए भारत के दृष्टिकोण को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “योग दिवस 2025 की थीम ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग’ रखी गई है । यानी हम योग के माध्यम से पूरी दुनिया को स्वस्थ बनाना चाहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले प्रमुख संस्थान मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) को इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) को बड़े पैमाने पर मनाने के लिए गतिविधियों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संस्थान ने हाल ही में 13 मार्च, 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित योग महोत्सव कार्यक्रम के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के लिए 100-दिवसीय उलटी गिनती का अनावरण किया।
लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम के 120 वें एपिसोड के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “आज फिटनेस के साथ-साथ गिनती भी बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। एक दिन में कितने कदम चले, एक दिन में कितनी कैलोरी खाई, कितनी कैलोरी बर्न की… इन सब गिनतियों के बीच, एक और उल्टी गिनती शुरू होने वाली है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की उल्टी गिनती। योग दिवस में अब 100 दिन से भी कम समय बचा है। अगर आपने अभी तक योग को अपने जीवन में शामिल नहीं किया है, तो अभी करें… अभी भी देर नहीं हुई है। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 10 साल पहले 21 जून, 2015 को मनाया गया था। अब यह दिन योग के एक भव्य उत्सव का रूप ले चुका है। ये भारत की तरफ से मानवता को एक ऐसी अनमोल सौगात है, जो आने वाली पीढ़ियों को बहुत काम आने वाली है।”
जैसे-जैसे दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2025 के लिए तैयार हो रही है, “एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम केंद्र में है और इसके इर्द-गिर्द कई तरह की गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। 2025 की थीम शारीरिक, मानसिक और पर्यावरणीय कल्याण को बढ़ावा देने में योग की भूमिका पर प्रकाश डालती है, जो स्थिरता और एकता के लिए वैश्विक आह्वान के साथ संरेखित है। यह 2014 में भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दिए जाने के एक दशक की सफलता पर आधारित है।
मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज हमारे योग और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को लेकर पूरी दुनिया में जिज्ञासा बढ़ रही है। बड़ी संख्या में युवा योग और आयुर्वेद को स्वास्थ्य के एक बेहतरीन माध्यम के रूप में अपना रहे हैं। उदाहरण के लिए, दक्षिण अमेरिका का एक देश है चिली। वहां आयुर्वेद तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। पिछले साल ब्राजील की अपनी यात्रा के दौरान मैंने चिली के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। आयुर्वेद की लोकप्रियता को लेकर हमारी काफी चर्चा हुई थी।
दुनिया भर में आयुष प्रणालियों की तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता और इसमें प्रमुख हितधारकों के योगदान को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे ‘सोमोस इंडिया’ नाम की एक टीम के बारे में पता चला है। स्पेनिश में इसका मतलब है – ‘हम भारत हैं’। यह टीम लगभग एक दशक से योग और आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है। उनका ध्यान इलाज के साथ-साथ शैक्षणिक कार्यक्रमों पर भी है। वे योग और आयुर्वेद से जुड़ी जानकारियों का स्पेनिश भाषा में अनुवाद भी करवा रहे हैं। अगर पिछले साल की ही बात करें तो उनके असंख्य कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों में लगभग 9 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया था। मैं इस टीम से जुड़े सभी लोगों को उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूँ।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सभी से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने तथा समग्र कल्याण के लिए देश के पारंपरिक ज्ञान पर गर्व करने की अपील की।