क्यू एस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रिकॉर्ड 54 भारतीय संस्थानों को स्थान मिला है। इस रैंकिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी, दिल्ली, देश का शीर्ष रैंक वाला संस्थान है।
दुनिया भर के उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग के नये संस्करण में आईआईटी दिल्ली 123वें स्थान पर है। पहले यह रैंकिंग 150 थी। यह संस्थान द्वारा हासिल की गई अब तक की सर्वोच्च क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग भी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वर्ष 2014 में देश के सिर्फ 11 विश्वविद्यालयों को क्यूएस रैंकिंग में स्थान मिला था जो पांच गुणा बढकर 54 तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग में यह बढोतरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किए गए परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 न केवल भारत के शैक्षिक परिदृश्य को बदल रही है, बल्कि इसमें क्रांति ला रही है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि अब जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती शिक्षा प्रणाली भारत की है और यह अमरीका, ब्रिटेन और चीन के बाद के बाद चौथी सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाली भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 का स्वागत किया है और इसे वैश्विक शिक्षा तथा अनुसंधान में भारत के बढ़ते कद का प्रमाण बताया है। सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के एक पोस्ट के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा है कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग, देश के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर लेकर आई है। प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से पुष्टि की कि सरकार भारत के युवाओं के लाभ के लिए अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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