अटल भूजल योजना के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तरीय संचालन समिति (एनएलएससी) की सातवीं बैठक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित की गई।
अतिरिक्त सचिव (ए, आईसी और जीडब्ल्यू) और अटल भूजल योजना के राष्ट्रीय परियोजना समन्वयक सुबोध यादव ने बताया कि इस योजना का यह पांचवां वर्ष है और अब समय आ गया है कि अटल जल क्षेत्र में इस योजना के प्रभाव को अन्य क्षेत्रों में भी प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले चार वर्षों में इस योजना के तहत राज्यों की ओर से कई पहल की गई हैं और राज्यों को अब डेटा का विश्लेषण करने तथा जमीनी स्तर पर गतिविधियों के प्रभाव और योजना के समग्र प्रभाव का आकलन करने की जरूरत है।
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण सचिव देबाश्री मुखर्जी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अटल भूजल योजना एक अनूठी और प्रायोगिक योजना है। इस योजना में कई समुदायों को सफलतापूर्वक शामिल किया गया और उनकी जागरूकता की दिशा में काम किया गया है। सचिव ने इसमें शामिल राज्यों को अपने-अपने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। उन्होंने अटल जल क्षेत्रों और गैर-अटल जल क्षेत्रों के परिदृश्यों की तुलना करने और यह आकलन करने की सलाह दी कि सामुदायिक जागरूकता प्राप्त करने में अटल जल कितना प्रभावी रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अटल जल प्रोत्साहन एक अनियोजित निधि है और इसका उपयोग संबंधित विभागों की नियमित गतिविधियों के अलावा विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग नवीन प्रौद्योगिकियों/गतिविधियों के कार्यान्वयन की दिशा में किया जाना चाहिए जिन्हें सफलता के आधार पर मुख्यधारा में लाया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्तरीय संचालन समिति ने इस योजना की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को सलाह दी कि वे योजना के तहत मिल रहे विशाल डेटा का उपयोग उच्च अधिकारियों द्वारा सार्थक विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए करें। एनएलएससी बैठक के बाद भाग लेने वाले राज्यों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें उन्होंने क्रॉस लर्निंग और महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि के लिए अपने राज्य में योजना के प्रभावों को प्रदर्शित किया, जिसे अन्य राज्य भी अपना सकते हैं।
विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर द्वारा सभी सात राज्यों के विश्व बैंक समीक्षा मिशन के निष्कर्ष भी प्रस्तुत किए गए। सभी सहभागी राज्यों में योजना के समग्र सुधार और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए क्रियान्वयन के क्षेत्रों में कमियों और संबंधित चिंताओं पर जोर दिया गया।
इस बैठक में डीडीडब्ल्यूएस के सचिव, सहभागी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, एनएलएससी के सदस्य, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के प्रतिनिधि, विश्व बैंक और एनपीएमयू के अधिकारी शामिल हुए।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने परिधानों के सबसे बड़े निर्माता शाही एक्सपोर्ट्स…
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली से 'संजय - युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली…
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री का पद संभालने पर शुक्रवार को माइकल मार्टिन…
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने 21 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली में साइबर सुरक्षा सहयोग…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को…