राज्यसभा में होगी दिल्ली के कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले पर चर्चा, लोकसभा में भी गूंजा मामला
राज्यसभा में दिल्ली के कोचिंग सेंटर में यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के डूब जाने से मृत्यु होने की घटना पर चर्चा की जाएगी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर निय़म 176 के अंतर्गत अल्पकालिक चर्चा की अनुमति दे दी है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह मुद्दा देश के प्रतिभाशाली युवाओं, शहरों की मूलभूत सुविधाओं और शासन के अन्य पहलुओं से जुड़ा हुआ है। सभापति धनखड़ ने कहा है कि कोचिंग वास्तव में व्यापार बन गई है। उन्होंने कहा कि जब भी वे समाचार पत्र पढ़ते है तो शुरू के एक या दो पृष्ठ कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों से भरे होते हैं।
बीजेपी-कांग्रेस और सपा ने की जांच की मांग
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की डूब जाने से मृत्यु होने की घटना का मुद्दा आज लोकसभा में उठाया गया। भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने इस घटना की जांच की मांग की। शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली सरकार की आपराधिक लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पिछले 10 वर्षों से सरकार है और पिछले दो वर्षों से नगर निगम पर भी उन्हीं का शासन है फिर भी जल निकासी की प्रणाली में कोई सुधार नहीं किया गया। बांसुरी स्वराज ने कहा कि ओल्ड राजेन्द्र नगर के निवासी स्थानीय विधायक, पार्षद और अधिकारियों से लगातार शिकायत कर रहे थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बांसुरी स्वराज ने मांग की, कि केंद्रीय गृहमंत्रालय को इस मामले में जांच समिति गठित करनी चाहिए। कांग्रेस के शशि थरूर ने कहा कि ऐसी घटना में कितना भी मुआवजा दिया जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि भवन नियमों समेत अनेक नियमों का उल्लंघन किया गया। शशि थरूर ने मामले की विस्तृत जांच की मांग की।
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कोचिंग सेंटर चलाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पूछा कि अब तक ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी इस मुद्दे पर आवाज उठाई।