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2023 बैच के IAS अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की

विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में कार्यरत 2023 बैच के आईएएस अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे असाधारण दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से आईएएस अधिकारी बने हैं। इससे उनके निजी जीवन में भी बड़ा बदलाव आया है। अब और भी अधिक दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ उन्हें अनगिनत लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का अवसर मिला है। उनकी सेवा और अधिकार का क्षेत्र इतना व्यापक है कि वे अपनी पहली पोस्टिंग में ही कई नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने आईएएस अधिकारियों को वंचितों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि अधिकारी अपने करियर के दौरान कुछ समय बाद पोस्टिंग वाले स्थानों पर जाएं और अपने काम के दूरगामी परिणाम देखें।

राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को लोक सेवकों के अधिकारों और कर्तव्यों को ध्यान में रखना चाहिए। एक लोक सेवक के कर्तव्य उसकी ज़िम्मेदारियां हैं और उसके अधिकार उन कर्तव्यों को पूरा करने का साधन हैं।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि उनके करियर की असली कहानी उनके काम से बनेगी, न कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने से। उनकी असली सामाजिक संपत्ति उनके अच्छे काम से तय होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक लोक सेवक को ईमानदारी और उद्देश्य के साथ काम करना चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का हम सभी सामना कर रहे हैं। अनैतिकता का प्रदूषण और मूल्यों का क्षरण भी बहुत गंभीर चुनौतियां हैं। निष्ठावान और ईमानदार होने के बारे में और कुछ कहने की जरूरत नहीं है। ईमानदारी, सच्चाई और सादगी के जीवन मूल्यों का पालन करने वाले लोग अधिक सुखी रहते हैं। लोक सेवा में ईमानदारी सबसे वांछनीय नीति है। लोक सेवक से यह अपेक्षा की जाती है कि वे जीवन के हर क्षेत्र में निष्ठा और संवेदनशीलता का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल युग में लोगों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं। वे प्रशासकों की जवाबदेही के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को आमजनों के साथ निकटता बढ़ाने और स्थानीय प्रयासों में उनकी भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों को हल करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय और राज्य स्तर पर उनके द्वारा किए गए विकास और जन कल्याण के कार्य राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।

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