सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने एनडीए के 146वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया
सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे ने आज खेत्रपाल परेड ग्राउंड, एनडीए, खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 146वें कोर्स की पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया। इस परेड में कुल 1265 कैडेटों ने भाग लिया, जिनमें से 337 कैडेट पासिंग आउट कोर्स के थे। इनमें 199 सेना कैडेट, 38 नौसेना कैडेट और 100 वायु सेना कैडेट शामिल थे। इन कैडेटों में भूटान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार और मालदीव जैसे मित्र देशों के 19 कैडेट भी शामिल थे। 24 महिला कैडेटों के एक दस्ते ने भी परेड में भाग लिया, जो वर्तमान में अपने तीसरे और चौथे प्रशिक्षण सत्र में हैं।
सैन्य नेतृत्व के उद्गमस्थल के रूप में जाना जाने वाला एनडीए देश का प्रमुख संयुक्त सेवा प्रशिक्षण संस्थान है। जून 2021 में 146वें कोर्स को शुरू किया गया था। तीन साल के कड़े सैन्य प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद ये कैडेट एक भव्य समारोह में पास आउट हुए हैं। ये कैडेट अब अपने-अपने प्री-कमीशनिंग प्रशिक्षण अकादमिक में शामिल होंगे।
बटालियन कैडेट कैप्टन (बीसीसी) शोभित गुप्ता ने समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक जीता, अकादमी कैडेट एडजुटेंट (एसीए) माणिक तरुण ने समग्र योग्यता क्रम में दूसरे स्थान पर रहने के लिए राष्ट्रपति का रजत पदक जीता और बीसीसी एनी नेहरा ने समग्र योग्यता क्रम में तीसरे स्थान पर रहने के लिए राष्ट्रपति का कांस्य पदक जीता। गोल्फ स्क्वाड्रन ने चैंपियन स्क्वाड्रन होने के लिए प्रतिष्ठित ‘चीफ्स ऑफ स्टाफ बैनर’ जीता, जिसे परेड के दौरान प्रस्तुत किया गया।
निरीक्षण अधिकारी ने सभी पासिंग आउट कोर्स के कैडेट्स, पदक विजेताओं और चैंपियन स्क्वाड्रन को उनकी कड़ी मेहनत और शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने पासिंग आउट कोर्स के उन गौरवान्वित माता-पिताओं के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने अपने प्रेरित बच्चों को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए भेजा है। उन्होंने इन कैडेटों को सेवा में आगे बढ़ने के साथ-साथ एकजुटता की भावना को भी आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सैन्य मामलों में क्रांति के बारे में भी जोर देते दिया, जो अधिकतर प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होते हैं।
पासिंग आउट परेड के बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के हट ऑफ रिमेंबरेंस में आयोजित एक भव्य समारोह में सेना प्रमुख ने उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके नाम इस प्रतिष्ठित परिसर में अंकित हैं। हट ऑफ रिमेंबरेंस का निर्माण एनडीए के 10वें से 17वें कोर्स के कैडेटों द्वारा किया गया था और तभी से यह बहादुरी, साहस और निस्वार्थ सेवाओं का प्रतीक रहा है। इस प्रतिष्ठित स्मारक की दीवारें पिछले 75 वर्षों में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्रों द्वारा किए गए अदम्य साहस, वीरता और असंख्य बलिदानों की गाथाओं का गुणगान करती हैं।