भारत

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पुणे स्थित सैन्य प्रोद्योगिकी संस्थान मिलिट में भावी सैन्य कमांडरों में जुनून और दूरदृष्टि जगाई

गिरिनगर स्थित सैन्य प्रोद्योगिकी संस्थान (एमआईएलआईटी) के प्रतिष्ठित मेहरा ऑडिटोरियम में सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रक्षा सेवा तकनीकी स्टाफ कोर्स (डीएसटीएससी), पुणे में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे भारतीय सेना के युवा सैन्य कमांडरों और अगली पीढ़ी के सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया तो माहौल प्रेरणा और उद्देश्य से जीवंत हो गया। उनकी गरिमामयी उपस्थिति और दूरदर्शी शब्दों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकारियों पर अमिट प्रभाव छोड़ा, जिससे उन्हें दृढ़ संकल्प और अथक उत्साह के साथ आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने की ऊर्जा मिली।

अपने भावपूर्ण संबोधन में जनरल द्विवेदी ने युद्ध के उभरते तौर तरीकों पर विस्तार से चर्चा की, परिवर्तन की निरंतर गति और समय के साथ आगे चलने की आवश्यकता पर जोर दिया। सेना प्रमुख ने रक्षा तैयारियों को केवल एक आवश्यकता नहीं बल्कि एक कला, रणनीति और सटीकता का संयोजन बताया। भारत के संदर्भ में उभरते खतरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सेना प्रमुख ने भारतीय सेना द्वारा की जा रही परिवर्तनकारी पहलों पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से परिवर्तन अभियान के अनुरूप बहुमुखी प्रतिभा, अनुकूलनशीलता और दृढ़ संकल्प की भावना को अपनाने का आग्रह किया।

सेना प्रमुख ने राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने, निराशा के समय में सांत्वना और आशा जगाने में सेना की बेजोड़ भूमिका के बारे में गर्व के साथ बात की। उन्होंने खतरनाक लड़ाई वाले क्षेत्रों से भारतीयों को निकालने में सेना के साहस की भी सराहना की, जिसमें सामरिक प्रतिभा और मानवीय करुणा का परिचय दिया गया।

सैन्य-कूटनीतिक तालमेल के महत्व पर जोर देते हुए, सेना प्रमुख ने बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए एकता की शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि परिचालन तत्परता, रणनीतिक संरेखण और सामंजस्यपूर्ण समन्वय, एक अजय सेना का आधार हैं। सैन्य सोच में बड़े बदलाव का आह्वान करते हुए, सीओएएस ने अधिकारियों से युद्ध के हथियारों और तकनीकों की फिर से कल्पना करने और पुनर्निर्माण करने का आग्रह किया।

सेना प्रमुख ने न केवल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बल्कि मित्र देशों (एफएफसी) के लिए भी सैन्य अधिकारियों को तैयार करने में एमआईएलआईटी की शानदार भूमिका की सराहना की। उन्होंने एमआईएलआईटी की प्रशंसा उत्कृष्टता के एक प्रकाश स्तंभ के रूप में की, एक ऐसा केंद्र जहां भविष्य के सैन्य अधिकारियों को बुद्धि, चरित्र और उद्देश्य के साथ गढ़ा जाता है, जो संकाय और छात्र, दोनों की प्रेरणा का स्त्रौत है।

एमआईएलआईटी, एनएम, कमांडेंट रियर एडमिरल नेल्सन डिसूजा ने इस यात्रा के लिए गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जनरल द्विवेदी के शब्दों ने स्टाफ और छात्र अधिकारियों में उद्देश्य और गर्व की भावना को फिर से जागृत किया है, और इससे उन्हें साहस और प्रतिबद्धता के चरित्र को साकार करते हुए अधिक ऊंचाइयां प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।

Editor

Recent Posts

भारत सरकार ने दो पारंपरिक लेप्चा वाद्ययंत्रों – तुंगबुक और पुमटोंग पुलित – को जी आई टैग प्रदान किया

भारत सरकार ने दो पारंपरिक लेप्चा वाद्ययंत्रों - तुंगबुक और पुमटोंग पुलित - को जी…

20 मिनट ago

बोत्सवाना ने प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत भारत को आज प्रतीकात्‍मक रूप से चीते सौंपे

बोत्सवाना ने प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत भारत को आज प्रतीकात्‍मक रूप से चीते सौंपे। इस…

21 मिनट ago

बांग्‍लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के मामले में फैसले की तारीख की घोषणा के बाद राजनीतिक तनाव बढ़ने से वहां हाई अलर्ट

बांग्लादेश में, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो पूर्व शीर्ष…

22 मिनट ago

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने देश के इतिहास में सबसे लंबे शटडाउन को समाप्त करने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किए

अमेरिका में सबसे लंबा सरकारी शटडाउन समाप्त हो गया है। संघीय कार्यों के लिए अस्थायी…

33 मिनट ago

गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में श्री मोतीभाई आर. चौधरी सागर सैनिक स्कूल (MRCSSS) और सागर ऑर्गेनिक प्लांट का उद्घाटन किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात…

1 घंटा ago

भारत और नेपाल ने रेल व्यापार संपर्क बढ़ाने के लिए समझौता किया

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नेपाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री…

1 घंटा ago