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केंद्र सरकार ने 2023 की बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश के लिए 2006.40 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ ‘पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण योजना’ को मंजूरी दी

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने 2023 की बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने की घटना के बाद हिमाचल प्रदेश के लिए 2006.40 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ “रिकवरी और पुनर्निर्माण योजना (Recovery & Reconstruction plan)” को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली समिति ने राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (NDRF) के तहत रिकवरी और पुनर्निर्माण फंडिंग विंडो से राज्य को वित्तीय सहायता के प्रस्ताव पर विचार किया।

उच्च स्तरीय समिति ने हिमाचल प्रदेश के लिए 2006.40 करोड़ रुपये की रिकवरी योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य को 2023 मानसून के दौरान बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन के कारण होने वाली क्षति और विनाश के कारण रिकवरी और पुनर्निर्माण गतिविधियों में मदद मिलेगी। इसमें 1504.80 करोड़ रुपये राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि के तहत रिकवरी और पुनर्निर्माण फंडिंग विंडो से केन्द्र का हिस्सा होगा। इससे पूर्व, गृह मंत्रालय ने इस आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश को राहत कार्यों के लिय, 12 दिसम्बर 2023 को ही NDRF से 633.73 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की मंजूरी दी थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार प्राकृतिक और अन्य आपदाओं के दौरान राज्य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी जी के आपदा प्रतिरोधी भारत (Disaster Resilient India) के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने देश में आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं। भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction) प्रणाली को मजबूत करके आपदाओं के दौरान जान-माल के किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

केन्द्र सरकार ने जोशीमठ आपदा के बाद उत्तराखंड के लिए 1658.17 करोड़ रुपये और 2023 की GLOF घटना के बाद सिक्किम के लिए 555.27 करोड़ रुपये की रिकवरी योजनाओं को मंजूरी दी थी।

इसके अलावा, केन्द्र सरकार ने शहरी बाढ़ (3075.65 करोड़ रुपये), भूस्खलन (1000 करोड़ रुपये), GLOF (150 करोड़ रुपये), जंगल की आग (818.92 करोड़ रुपये), बिजली गिरने (186.78 करोड़ रुपये) और सूखे (2022.16 करोड़ रुपये) के क्षेत्रों में कई खतरों के जोखिम को कम करने के लिए 7253.51 करोड़ रुपये के समग्र वित्तीय परिव्यय के साथ कई शमन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी।

यह अतिरिक्त सहायता केन्द्र द्वारा राज्यों को राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) में जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान केन्द्र सरकार ने SDRF के तहत 28 राज्यों को 20,264.40 करोड़ रुपये और NDRF के तहत 19 राज्यों को 5,160.76 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) से 19 राज्यों को 4984.25 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से 08 राज्यों को 719.72 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं।

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