चालू कैलेंडर वर्ष के दौरान खाद्य वस्तुओं की कीमतें काफी हद तक स्थिर और नियंत्रित रही हैं। आज तक, केंद्र सरकार के उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता कार्य विभाग की ओर से निगरानी की जाने वाली अधिकांश वस्तुओं की कीमतें साल-दर-साल आधार पर या तो स्थिर या घटती प्रवृत्ति का प्रदर्शन कर रही हैं। जुलाई 2025 में घर पर बनी थाली की कीमत में 14 प्रतिशत की कमी इस महीने खाद्य मुद्रास्फीति में निरंतर कमी को दर्शाती है।
देश भर के विभिन्न केंद्रों पर टमाटर की खुदरा कीमतें किसी बुनियादी मांग-आपूर्ति असंतुलन या उत्पादन में कमी के बजाय अस्थायी स्थानीय कारकों से प्रभावित हैं।
इस संदर्भ में, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) 4 अगस्त 2025 से आज़ादपुर मंडी से टमाटर खरीदकर उपभोक्ताओं को न्यूनतम मार्जिन पर बेच रहा है। एनसीसीएफ ने पिछले वर्षों में भी इसी तरह की पहल की थी।
अब तक, एनसीसीएफ ने खरीद लागत के आधार पर 47 रुपये से 60 रुपये प्रति किलोग्राम के खुदरा मूल्यों पर 27,307 किलोग्राम टमाटर बेचे हैं। टमाटर की खुदरा बिक्री एनसीसीएफ के नेहरू प्लेस, उद्योग भवन, पटेल चौक और राजीव चौक स्थित स्टेशनरी आउटलेट्स के साथ-साथ शहर भर में विभिन्न स्थानों पर संचालित 6-7 मोबाइल वैन के माध्यम से की जा रही है।
दिल्ली में टमाटर का वर्तमान औसत खुदरा मूल्य 73 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस महंगाई की वहज मुख्य रूप से जुलाई के अंतिम सप्ताह से देश के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हुई भारी बारिश है। इस मौसम संबंधी व्यवधान के कारण जुलाई के अंत तक कीमतें 85 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। हालांकि, पिछले सप्ताह आज़ादपुर मंडी में दैनिक आवक में सुधार और स्थिरता के साथ, मंडी और खुदरा कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है।
इसके विपरीत, चेन्नई और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में, जहां हाल के हफ़्तों में असामान्य मौसम की स्थिति नहीं देखी गई है, कीमतों में ऐसी कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। चेन्नई और मुंबई में टमाटर की वर्तमान औसत खुदरा कीमतें क्रमशः 50 रुपये प्रति किलोग्राम और 58 रुपये प्रति किलोग्राम हैं जो दिल्ली में टमाटर की मौजूदा कीमत से काफी कम है। अभी टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत 52 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले वर्ष के 54 रुपये प्रति किलोग्राम और 2023 के 136 रुपये प्रति किलोग्राम से अब भी कम है।
गौरतलब है कि पिछले वर्षों के विपरीत, इस मानसून सीजन में आलू, प्याज और टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतें नियंत्रण में हैं।
2024-25 में पिछले वर्ष की तुलना में आलू और प्याज के अधिक उत्पादन इसकी पर्याप्त आपूर्ति और पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम खुदरा मूल्य सुनिश्चित करता है। इस वर्ष, सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए 3 लाख टन प्याज खरीदा है। बफर से प्याज का संतुलित और लक्षित वितरण सितंबर 2025 से शुरू होने की उम्मीद है।
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