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Rs 5337.00 crore released as 15th Finance Commission grants to Panchayats in Kerala
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केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग से अनुदान जारी किया

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग से अनुदान जारी किया है। जारी की गई राशि में 611.6913 करोड़ रुपये के अबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त और 8.4282 करोड़ रुपये के अबद्ध अनुदान की पहली किस्त का शेष हिस्सा शामिल है। ये अनुदान राज्य की 4 पात्र जिला पंचायतों, 40 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 21551 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए हैं।

वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस (29) विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई)/ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा अबद्ध अनुदानों का उपयोग किया जाएगा। बद्ध अनुदानों का उपयोग (ए) स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, और इसमें विशेष रूप से घरेलू अपशिष्ट का प्रबंधन और उपचार, और मानव मल और मल प्रबंधन और (बी) पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण शामिल होना चाहिए। भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवां वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करता है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है। केंद्रीय वित्त आयोग (सीएफसी) अनुदान का हस्तांतरण पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाता है, जिससे वे अपनी स्थानीय विकास आवश्यकताओं को प्रभावी ढंग से पूरा कर पाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित पंचायत से विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप- ये अनुदान जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं और ग्रामीण परिवर्तन को गति देते हैं।

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