केंद्र ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर नियंत्रण के लिए कड़ा कानून लागू कर दिया है। इसमें दोषियों को अधिकतम 10 वर्ष के कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। आधिकारिक अधिसूचना में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि कानून के प्रावधान आज से लागू हो गये हैं।
सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधन रोकथाम विधेयक, 2024 संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे 12 फरवरी को मंजूरी दी थी। संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी-एनटीए, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग भर्ती परीक्षा निकायों और अन्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। इसमें धोखाधड़ी रोकने के लिए न्यूनतम तीन से पांच साल की कैद का प्रावधान रखा गया है। साथ ही धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा।