केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कल नई दिल्ली में 16वें एग्रीकल्चर लीडरशिप सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 25 करोड़ मृदा हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं और किसान क्रेडिट कार्ड पहल के माध्यम से फसल ऋण सुलभ कराए गए हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि क्षेत्र को अपने विकास एजेंडे में निरंतर अग्रिम स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम से बड़ी संख्या में किसान परिवारों को लाभ हुआ है। इसके अतिरिक्त, 1,400 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है, जिससे देश भर के किसानों को फसल की कीमतों की वास्तविक समय पर जानकारी प्राप्त करने और बाजार संपर्क बढ़ाने में मदद मिली है।
उर्वरक क्षेत्र में, केंद्र सरकार ने किसानों को किफायती दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त सब्सिडी प्रदान की है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी, किसानों को समय पर उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
उन्होंने कहा कि वैश्विक बाज़ार में उथल-पुथल और निर्यात में गिरावट के बावजूद, भारत के कृषि क्षेत्र ने उल्लेखनीय गतिशीलता प्रदर्शित की है। भारतीय किसानों के प्रयासों ने कृषि-निर्यात के मजबूत प्रदर्शन में योगदान दिया है और कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन निर्यात 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। कृषक समुदाय ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और “लोकल से ग्लोबल” के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के किसान बासमती और चावल की अन्य किस्मों, मसालों, ताज़े फलों और सब्ज़ियों, बागवानी और पुष्प उत्पादन के साथ ही मत्स्य पालन और मुर्गी पालन जैसे क्षेत्रों में भी वैश्विक सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सहायक नीतियों, राजकोषीय प्रोत्साहनों, निम्न टैरिफ बाधाओं और ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, ईएफटीए देशों और ब्रिटेन सहित विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से नए बाज़ार तक पहुंच के साथ, कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
उन्होंने भविष्य की ओर देखते हुए विश्वास व्यक्त किया कि बीज उत्पादन और गुणवत्ता, प्राकृतिक एवं जैविक खेती, और सिंचाई—जिसमें ड्रिप सिंचाई भी शामिल है—में और अधिक विकास होगा। उन्होंने कृत्रिम आसूचना, भू-स्थानिक औद्योगिकी, मौसम पूर्वानुमान प्रणाली, ऊर्ध्वाधर खेती और कृत्रिम आसूचना (एआई)-सक्षम उपकरणों के उपयोग द्वारा डिजिटल कृषि को बढ़ावा देने पर सरकार के फोकस पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि ये नवोन्मेषण किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करेंगे।
पीयूष गोयल ने कहा कि डिज़ाइन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग में सुधार के साथ साथ खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्य संवर्धन, अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान को बढ़ावा देंगे। कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए आवंटित धनराशि के साथ-साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का उद्देश्य वेयरहाउसिंग और भंडारण अवसंरचना को सुदृढ़ बनाना है।
पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार भारत के किसानों के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने पुष्टि की कि विकसित भारत की यात्रा में कृषि एक प्रमुख इंजन बनी हुई है।
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