म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या एक हजार के पार; भारत ने मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी, जल्द ही दो खेप और भेजी जाएंगी
म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। कल आए शक्तिशाली भूकंप को रिक्टर स्केल पर सात दशमलव सात मापा गया। देश की सैन्य नेतृत्व वाली सरकार ने एक बयान में कहा कि अब तक एक हजार दो लोग मृत पाए गए हैं और दो हजार तीन सौ 76 लोग घायल हैं, जबकि तीस लापता हैं। अधिकांश मौतें म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर और भूकंप के केंद्र के सबसे निकटवर्ती शहर मांडले में हुई हैं।
भूकंप से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छह लोगों की मृत्यु हुई है, 26 घायल हुए हैं और 47 अभी लापता हैं।
दुनिया भर के कई देश सहायता भेज रहे हैं। भारत ने एक खोज और बचाव दल, एक चिकित्सा दल सहित राहत सामग्री भेजी है। ऑपरेशन ब्रह्मा के अंतर्गत भूकंप प्रभावित म्यांमा के लिए भारत से वायु सेना के दो विमानों के जरिये शीघ्र और राहत सामग्री भेजी जाने वाली है। विदेश मंत्रालय के अनुसार हिंडन वायु सेना स्टेशन से ये विमान जल्द ही रवाना होंगे।
भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान 15 टन तत्काल मानवीय सहायता की पहली खेप के साथ आज सुबह यंगून में उतर चुका है। सोशल मीडिया पोस्ट में विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने बताया कि एक खोज और बचाव दल सहित चिकित्सा दल भी म्यांमा भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार घटनाक्रम पर नज़र रखते हुए आगे और आवश्यक सहायता भेजेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री की पहली खेप यंगून के मुख्यमंत्री यू सोये थीन को औपचारिक रूप से सौंपी।

इस बीच, म्यांमा में भारतीय दूतावास ने कहा है कि विनाशकारी भूकंप के बाद, वह भारत से सहायता और राहत आपूर्ति की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए म्यांमा के अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। दूतावास म्यांमा में भारतीय समुदाय के साथ भी लगातार संपर्क में है। संकट में फंसे भारतीय नागरिक, आपातकालीन संपर्क नंबर +95 – 95 41 96 02 पर संपर्क कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फोन पर बातचीत की। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने भूकंप से हुई मौतों पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।