रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में दुबई के क्राउन प्रिंस और यूएई के उप प्रधानमंत्री के साथ बैठक की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में दुबई के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधान मंत्री एवं रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ बैठक की। दोनों नेताओं ने संस्थागत प्रक्रियाओं, सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आदान-प्रदान आदि के माध्यम से वर्तमान रक्षा सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की।
दोनों मंत्रियों ने माना कि रक्षा सहयोग को व्यापार और व्यवसाय जैसे अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति के अनुरूप बढ़ाने की आवश्यकता है, जो – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के अनुरूप है। उन्होंने प्रशिक्षण आदान-प्रदान को रक्षा सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में चिन्हित किया, जो एक-दूसरे की रक्षा प्रणाली तंत्र को समझने में सक्षम होगा और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने में तेजी लाएगा।
दोनों नेताओं ने तटरक्षक बल के बीच सक्रिय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से इसे औपचारिक रूप देकर और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेता इस बात से आश्वस्त थे कि रक्षा उद्योगों के बीच घनिष्ठ सहयोग द्विपक्षीय संबंधों के लिए अभिन्न अंग होना चाहिए। उन्होंने रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए और रक्षा विनिर्माण में साझेदारी बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की।
दोनों मंत्रियों ने एक-दूसरे की प्रदर्शनियों और रक्षा एक्सपो में संबद्ध पक्षों की सक्रिय भागीदारी को स्वीकार किया और भारत-यूएई रक्षा भागीदारी मंच का स्वागत किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों को लाभ पहुंचाने वाले रणनीतिक संयुक्त उद्यम और सह-उत्पादन परियोजनाएं पूर्ण होने की संभावना है। दोनों नेता मेक-इन-इंडिया और मेक-इन-एमिरेट्स पहलों में दोनों देशों के बीच ध्यान केंद्रित करने पर भी सहमत हुए।
बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यूएई के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी भारत के लिए अत्यधिक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षों में हम रक्षा सहयोग, सह-उत्पादन और सह-विकास परियोजनाओं, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। भारत और यूएई दोनों ही क्षेत्र में शांति और समृद्धि की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
संयुक्त अरब अमीरात के साथ रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन पर 2003 में हस्ताक्षर किए गए थे, और रक्षा उद्योग सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन पर 2017 में हस्ताक्षर किए गए थे। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के आधार पर घनिष्ठ संबंध हैं।