केंद्र सरकार ने चालू कपास सीजन 2024-25 में, 31 मार्च 2025 तक अपनी नोडल एजेंसी- भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सफलतापूर्वक कपास की 100 लाख गांठ खरीद की है। यह खरीद देश में कुल कपास आवक 263 लाख गांठों का 38 प्रतिशत और 294.25 लाख गांठों के अनुमानित कुल कपास उत्पादन का 34 प्रतिशत है।
राज्यों में तेलंगाना में सबसे अधिक 40 लाख गांठ की खरीद दर्ज हुई है। उसके बाद महाराष्ट्र में 30 लाख गांठ और गुजरात में 14 लाख गांठ की खरीद हुई है। महत्वपूर्ण खरीद वाले अन्य राज्यों में कर्नाटक (5 लाख गांठ), मध्य प्रदेश (4 लाख गांठ), आंध्र प्रदेश (4 लाख गांठ) और ओडिशा (2 लाख गांठ) शामिल हैं। हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में 1.15 लाख गांठों की खरीद हुई है। कुल मिलाकर, सभी कपास उत्पादक राज्यों में लगभग 21 लाख कपास किसानों को 37,450 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
एमएसपी के तहत कपास किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान की जाती है जिससे उन्हें बाजार मूल्य एमएसपी से नीचे गिरने पर संकटपूर्ण बिक्री से सुरक्षा मिलती है। कुशल खरीद की सुविधा के लिए, सीसीआई ने देश भर में 508 खरीद केंद्र खोले हैं। कई डिजिटल पहलों को लागू किया गया है, जिसमें ऑन-स्पॉट आधार प्रमाणीकरण, भुगतान के लिए एसएमएस अधिसूचनाएं और राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह के माध्यम से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष भुगतान शामिल हैं। नौ क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कॉट-एली मोबाइल ऐप, किसानों को एमएसपी दरों, खरीद केंद्रों और भुगतान ट्रैकिंग पर तत्काल जानकारी हासिल करनें सक्षम बनाता है। इसके अलावा, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉक-चेन तकनीक का उपयोग करके सीसीआई द्वारा उत्पादित सभी कपास गांठों को क्यूआर कोड के माध्यम से पता लगाया जा सकता है।
केंद्र सरकार निष्पक्ष, पारदर्शी और कुशल खरीद प्रक्रिया के माध्यम से कपास किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।