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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश में बीईएमएल की ग्रीनफील्ड रेल निर्माण सुविधा – ब्रह्मा की आधारशिला रखी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के उमरिया में एक ग्रीनफील्ड रेल निर्माण सुविधा, बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग (ब्रह्मा) की आधारशिला रखते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि भारत स्वदेशी शक्ति से अपने दुश्मनों को परास्त करने में सक्षम है।” उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए जघन्य और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का करारा जवाब था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया ने एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि देश अब अपनी अखंडता और संप्रभुता पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने आगे कहा, “हम किसी को उकसाते नहीं हैं, लेकिन जो हमें उकसाते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों ने स्वदेशी हथियारों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, जिसने इस ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “भारत इस मुकाम तक केवल इसलिए पहुँच पाया क्योंकि देश ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया था।”

रक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शिता की सराहना करते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत न केवल अपनी धरती पर उपकरण बना रहा है, बल्कि मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा रक्षा उत्पादन और निर्यात अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है और रिकॉर्ड आँकड़े प्राप्त कर रहा है। यह नए भारत का नया रक्षा क्षेत्र है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया और रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है।

रक्षा मंत्री ने पिछले दशक में देश की आर्थिक वृद्धि और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डाला और बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने आगे कहा कि “डबल इंजन वाली सरकार” अर्थव्यवस्था को और भी तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का विश्वास व्यक्त किया।

विनिर्माण के लिए बीईएमएल रेल हब के बारे में

ब्रह्मा सुविधा को 148 एकड़ में फैले रोलिंग स्टॉक के लिए एक विश्व स्तरीय विनिर्माण इकाई के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लगभग दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। बीईएमएल ने एकीकृत विनिर्माण इकाई को पूरी तरह से स्थापित करने के लिए अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1,800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। शुरुआत में प्रति वर्ष 125-200 कोच का निर्माण करते हुए, इसकी क्षमता पाँच वर्षों में प्रति वर्ष 1100 कोच तक पहुँच जाएगी। यह इकाई घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए वंदे भारत ट्रेन सेट, मेट्रो कार, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट, हाई-स्पीड रेल कोच और अन्य आधुनिक रोलिंग स्टॉक का निर्माण करेगी। इससे 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को सक्रिय करने और मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र, विशेष रूप से सिंगरौली, सतना, रीवा और कटनी में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है।

भारत के हरित विनिर्माण लक्ष्यों के अनुरूप, इस सुविधा में शून्य-उत्सर्जन प्रणालियाँ, सौर और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, वर्षा जल संचयन और ग्रीन लैंडस्केपिंग शामिल होंगे। पुनर्नवीनीकृत और टिकाऊ निर्माण सामग्री के उपयोग से नियामक पर्यावरणीय अनुमोदनों और हरित कारखाना सिद्धांतों सहित उच्चतम पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होगा।

राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास, दोनों के लिए आवश्यक औद्योगिक और तकनीकी आधार के निर्माण में ब्रह्मा जैसी पहलों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने रक्षा क्षेत्र को मज़बूत करने में बीईएमएल की भूमिका की सराहना की और कहा कि ब्रह्मा परियोजना, मोबिलिटी सॉल्यूशंस के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में डीपीएसयू की स्थिति को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा, “बीईएमएल औद्योगिक और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक स्तंभ के रूप में खड़ा है। ब्रह्मा जैसी परियोजनाएँ आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और भविष्य के लिए तैयार होने के हमारे आर्थिक संकल्प की पुष्टि करती हैं। इस तरह, हम एक मज़बूत, सुरक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण करेंगे।” रक्षा मंत्री ने रक्षा और नागरिक दोनों क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने में बीईएमएल के योगदान की सराहना की, साथ ही अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र को और मज़बूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया क्योंकि यह किसी भी उद्योग की नींव है।

इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान; रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णो (वर्चुअल माध्यम से); मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, बीईएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शांतनु रॉय तथा राज्य और केंद्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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