भारतीय नौसेना में 10वें एसीटीसीएम बार्ज, एलएसएएम 24 (यार्ड 134) को शामिल करने का समारोह 22 अप्रैल 2025 को नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि कमोडोर एकेके रेड्डी, एजीएम (पीआर), एनडी (एमबीआई) थे।
ग्यारह (11) गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल (एसीटीसीएम) बार्ज के निर्माण और वितरण का अनुबंध 05 मार्च 2021 को एमएसएमई शिपयार्ड मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ संपन्न हुआ। इस शिपयार्ड ने एक भारतीय जहाज डिजाइन फर्म के सहयोग से इन बार्जों को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है और बाद में नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया है ताकि इसे समुद्र में भेजने की इसकी योग्यता सुनिश्चित की जा सके। इन बार्जों का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के प्रासंगिक नौसेना नियमों और विनियमों के अनुसार किया गया है। ये बार्ज भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं। नौ एसीटीसीएम बार्ज पहले ही वितरित किए जा चुके हैं और शिपयार्ड को भारतीय नौसेना के लिए चार सलेज बार्ज के निर्माण और वितरण के लिए एक अनुबंध भी दिया गया है। यह एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इन बार्जों को शामिल करने से भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि इससे जेट्टी और बाहरी बंदरगाहों के साथ-साथ भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों पर वस्तुओं/गोला-बारूद के परिवहन, उन्हें चढ़ाने और उतारने की सुविधा मिलेगी।
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