वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग संस्थाओं के खिलाफ अपनी प्रवर्तन कार्रवाई तेज की है। ऑनलाइन मनी गेमिंग उद्योग में घरेलू और विदेशी दोनों ऑपरेटर शामिल हैं।
जीएसटी कानून के अंतर्गत, ‘ऑनलाइन मनी गेमिंग’, कार्रवाई योग्य दावा होने के कारण, ‘माल’ की आपूर्ति के रूप में वर्गीकृत है और इस पर 28% टैक्स लगता है। इस सेक्टर में काम करने वाली संस्थाओं को जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण कराना आवश्यक है।
ऑनलाइन मनी गेमिंग/ सट्टेबाजी/ जुआ की आपूर्ति में शामिल लगभग 700 ऑफशोर संस्थाएं डीजीजीआई की जांच के दायरे में हैं। यह देखा गया है कि ये संस्थाएं पंजीकरण न करवाकर, कर योग्य भुगतानों को छिपाकर और कर दायित्वों को दरकिनार करके जीएसटी की चोरी कर रही हैं। अब तक, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के समन्वय में, आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69 के अंतर्गत डीजीजीआई की ओर से अवैध/ गैर-अनुपालन वाली ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग संस्थाओं की 357 वेबसाइट/ यूआरएल को ब्लॉक किया गया है।
हाल ही में कुछ अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक अभियान में, डीजीजीआई ने आई4सी और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ मिलकर प्रतिभागियों से पैसे इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बैंक खातों को लक्षित किया और रोक दिया, लगभग 2,000 बैंक खाते और 4 करोड़ रुपये जब्त किए। एक अन्य कार्रवाई में, इनमें से कुछ ऑफशोर संस्थाओं की वेबसाइटों पर पाए गए यूपीआई आईडी से जुड़े 392 बैंक खातों को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है और इन खातों में कुल 122.05 करोड़ रुपये की रकम अस्थायी रूप से जब्त की गई है।
डीजीजीआई ने कुछ भारतीय नागरिकों के खिलाफ एक और अभियान चलाया, जो भारत के बाहर से ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चला रहे थे। इससे पता चला, कि ये लोग सतगुरु ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म, महाकाल ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म और अभी 247 ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म सहित कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय ग्राहकों को ऑनलाइन मनी गेमिंग की सुविधा दे रहे थे और भारतीय ग्राहकों से पैसे इकट्ठा करने के लिए म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे थे। डीजीजीआई ने अब तक इन प्लेटफॉर्म से जुड़े 166 म्यूल खातों को ब्लॉक कर दिया है। अब तक ऐसे तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ऐसे ही अन्य लोगों के खिलाफ जांच जारी है।
विदेशी संस्थाओं की ओर से गैर-अनुपालन निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बिगाड़ता है, स्थानीय व्यवसायों को नुकसान पहुंचाता है, और बाजार को खराब करता है। ये बेईमान विदेशी संस्थाएं नए वेब पते बनाकर प्रतिबंधों को दरकिनार करती हैं। जांच से यह भी पता चला कि ये कंपनियां लेन-देन को संसाधित करने के लिए ‘म्यूल’ बैंक खातों के जरिए काम करती हैं। खच्चर खातों के माध्यम से एकत्र किए गए धन को अवैध गतिविधियों में डालने की संभावना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी खतरनाक हो सकती है।
यह देखा गया है कि कई बॉलीवुड हस्तियां और क्रिकेटरों के साथ-साथ यूट्यूब, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के प्रभावशाली लोग इन प्लेटफॉर्मों का प्रचार करते पाए जाते हैं, और इसलिए जनता को सतर्क रहने और ऑफशोर ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्मों से जुड़ने से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह उनके व्यक्तिगत वित्त को खतरे में डाल सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों का समर्थन कर सकता है जो वित्तीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करती हैं।
डीजीजीआई अवैध ऑफशोर गेमिंग संस्थाओं के खतरे से निपटने के प्रति प्रतिबद्ध है। आगामी आईपीएल सीजन के साथ, अवैध गेमिंग संचालन को रोकने के लिए प्रवर्तन कार्रवाई अधिक सख्त होगी। जिम्मेदार गेमिंग के लिए जानकारी रखना और विनियमित प्लेटफॉर्म चुनना महत्वपूर्ण है।
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