वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवाचार को गति देने और उच्च-विकासशील स्टार्टअप्स की एक प्रभावी प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए थर्मो फिशर साइंटिफिक (टीएफएस) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस साझेदारी का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में रणनीतिक सलाह, प्रौद्योगिकी पहुंच, मार्गदर्शन और निवेशक संपर्क के माध्यम से 500 से अधिक जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करना है। इस समझौता ज्ञापन के एक भाग के रूप में, स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत टीएफएस, डीपीआईआईटी की पहल भारत स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज (बीएसजीसी) के साथ मिलकर बायोवर्स चैलेंज शुरू करेगा, जो भारत के सबसे होनहार जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों की पहचान और पोषण के लिए एक राष्ट्रव्यापी मंच है, और बायोवर्स मेंटर्स सर्कल प्रमुख जैव-इनक्यूबेटरों में कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
इस साझेदारी के अंतर्गत:
इस अवसर पर बोलते हुए, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव ने कहा, “स्टार्टअप इंडिया, डीपीआईआईटी और थर्मो फिशर साइंटिफिक के बीच सहयोग भारत के जैव प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। थर्मो फिशर की वैश्विक विशेषज्ञता को स्टार्टअप इंडिया के मजबूत नवाचार नेटवर्क के साथ जोड़कर, हमारा लक्ष्य शुरुआती चरण के जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों के लिए अपने समाधानों का विस्तार करने और भारत की जैव अर्थव्यवस्था में योगदान करने के नए अवसर पैदा करना है।”
टीएफएस की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, थर्मो फिशर साइंटिफिक के भारत और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक श्रीनाथ वेंकटेश ने कहा, “हमें इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से डीपीआईआईटी के साथ अपने सहयोग को औपचारिक रूप देने और बायोवर्स चैलेंज में भागीदार बनने पर गर्व है। बायोवर्स चैलेंज पूरे भारत में शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स और बायो-इनक्यूबेटर्स के साथ मिलकर काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जीनोम वैली, हैदराबाद में अपनी आगामी सुविधाओं के माध्यम से, हम संस्थापकों को ऐसी तकनीकों और मार्गदर्शन तक पहुंच प्रदान करेंगे जो उन्हें प्रोटोटाइप से उत्पाद तक तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं। यह उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएगा।”
थर्मो फिशर साइंटिफिक, जीवन विज्ञान अनुसंधान, निदान और जैव प्रौद्योगिकी में बेजोड़ विशेषज्ञता लेकर आता है। स्टार्टअप इंडिया और डीपीआईआईटी के साथ मिलकर यह पहल जैव प्रौद्योगिकी नवाचार के वैश्विक केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को और मज़बूत करेगी।
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