सरकारी ई- मार्केटप्ले (जेम) ने अपना 9वां स्थापना दिवस मनाया। प्रधानमंत्री के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के दृष्टिकोण के अनुरूप पारदर्शी, समावेशी और कुशल सार्वजनिक खरीद को बढ़ावा देने के लिए 2016 में शुरू किया गया यह प्लेटफ़ॉर्म अब एक डिजिटल खरीद प्रणाली के रूप में विकसित हो गया है जो देश भर के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को जोड़ता है, जिनमें महिला उद्यमी, स्टार्टअप, सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई), कारीगर, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और दिव्यांगजन शामिल हैं। वित्त वर्ष 2024- 25 में, इसने सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में ₹5.4 लाख करोड़ मूल्य के लेनदेन दर्ज किए।
स वर्ष के स्थापना दिवस समारोह का विषय था “सुगमता, पहुँच और समावेशन”। घोषित प्रमुख सुधारों में विक्रेताओं के लिए सावधानी राशि की समाप्ति, विक्रेता मूल्यांकन शुल्क को युक्ति संगत बनाना और लेन देन शुल्क में कमी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप 97 प्रतिशत ऑर्डरों पर छूट प्राप्त हुई है। इन उपायों का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद को अधिक सुलभ और न्याय संगत बनाना है।
जेम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिहिर कुमार ने कहा, “ये सुधार जेम को और भी अधिक समावेशी और सुलभ बनाने के हमारे इरादे को दर्शाते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि जनजातीय कारीगरों से लेकर तकनीक- संचालित स्टार्टअप तक, हर उद्यम सार्वजनिक खरीद के अवसरों तक आसानी से पहुँच सके।”
इस अवसर पर, 6 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित जेम कार्यालय में एक जेम विक्रेता संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी शामिल हुए। अधिक समावेशी और भविष्य- तैयार खरीद प्रणाली के निर्माण के उपायों पर चर्चा करने के लिए एक संवाद कार्यक्रम जेम मंथन भी आयोजित किया गया। यह प्लेटफ़ॉर्म कागज़ रहित, वास्तविक समय के लेन- देन का समर्थन करता है और स्वास्थ्य, खनन एवं बीमा जैसे क्षेत्रों में अनुबंधों को सुगम बनाता है, नीति कार्यन्वयन को विभिन्न स्तरों पर हितधारकों की भागीदारी से जोड़ता है।
जेम सार्वजनिक खरीद तक पहुँच को सुगम बनाने के लिए एआई संचालित उपकरणों और एक बहुभाषी शिक्षण प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) का उपयोग करता है। ध्वनि- सक्षम नेविगेशन और क्षेत्र-विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल जैसी सुविधाएँ, दूरस्थ और कम सेवा वाले क्षेत्रों सहित, विक्रेताओं के लिए ऑनबोर्डिंग और लेनदेन में सहायता करती हैं।
पिछले नौ वर्षों में, जैम ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। जिनमें वित्त वर्ष 2024-25 में सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) में ₹5.4 लाख करोड़ की वृद्धि, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), कारीगरों और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के साथ-साथ 1.5 लाख महिला- नेतृत्व वाले उद्यमों को शामिल करना। इस प्लेटफ़ॉर्म ने तेज़ और अधिक लागत- प्रभावी लेनदेन के लिए प्रौद्योगिकी- संचालित खरीद प्रक्रियाओं को लागू किया है, बीमा, जनशक्ति और खान विकास एवं संचालन (एमडीओ) जैसे नए सेवा क्षेत्रों में विस्तार किया है और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और स्थानीय निकायों को प्रशिक्षण और ऑनबोर्डिंग सहायता प्रदान की है।
जैसे- जैसे देश डिजिटल भारत की ओर बढ़ रहा है, जेम खरीद प्रक्रियाओं में सुधार, पारदर्शिता को मज़बूत करने, उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एआई और अगली पीढ़ी की तकनीकों को अपना रहा है। यह प्लेटफ़ॉर्म सार्वजनिक खरीद में पहुँच और भागीदारी बढ़ाने पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है।
जैम के बारे में
सरकारी ई- मार्केटप्लेस भारत का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है जिसका उद्देश्य खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और समावेशिता को बढ़ाना है। यह पूरी तरह से डिजिटल, कैशलेस और सिस्टम- संचालित प्लेटफ़ॉर्म है जो सभी सरकारी खरीदारों और विक्रेताओं के लिए संपूर्ण समाधान प्रदान करता है। जैम खरीद को स्मार्ट, समावेशी और टिकाऊ बनाकर भारत में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के तरीके को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
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