मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एस.एस. संधू के साथ चंडीगढ़ में हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव तैयारियों की विस्तृत और व्यापक समीक्षा की। हरियाणा में विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर, 2024 को समाप्त होने वाला है और राज्य में 90 निर्वाचन क्षेत्रों (73 सामान्य; 17 एससी) के लिए चुनाव होना है।
आयोग की दो दिवसीय समीक्षा यात्रा के दौरान आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और जननायक जनता पार्टी के प्रतिनिधि आयोग से मिलने आए।
राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे:
- सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना।
- संवेदनशील मतदान केंद्रों में पर्याप्त केंद्रीय बलों की तैनाती।
- कुछ दलों ने मतदाता सूची को अद्यतन करने और पंचकूला की मतदाता सूची से मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाने की आवश्यकता बताई।
- अनुरोध किया गया कि मतदान केंद्रों के बीच की दूरी को कम किया जाए और बुजुर्ग तथा महिला मतदाताओं के लिए सुविधाओं में सुधार किया जाए।
- कुछ दलों ने शहरी क्षेत्रों में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार से पार्टियों के मतदान डेस्क की दूरी को 200 मीटर की जगह 50 मीटर करने की वकालत की।
- समय पर शिकायतों के निवारण की जरूरत बताते हुए चुनाव पर्यवेक्षकों की अनुपलब्धता के बारे में भी चिंता व्यक्त की गई।
- अन्य मांगों में नामांकन की समय सीमा के तुरंत बाद उम्मीदवारों के साथ मतदाता सूचियों को समय पर साझा करना शामिल था।
- जब मतदान दल मतदाताओं के घर मतदान कराने के लिए जाते हैं तो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को पहले से सूचित किया जाना चाहिए।
- कुछ दलों ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा में वृद्धि का भी अनुरोध किया।
आयोग ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उसने राजनीतिक दलों के सुझावों और चिंताओं का संज्ञान लिया है और ईसीआई राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, सहभागी, समावेशी, शांतिपूर्ण और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनीतिक दलों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया गया कि वे चुनाव से पहले मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए जारी दूसरी विशेष संक्षिप्त संशोधन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हों।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में पहली बार, 85+ वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और 40 प्रतिशत बेंचमार्क दिव्यांगता वालों को अपने घर से मतदान करने का विकल्प दिया जाएगा। घर से मतदान की सुविधा वैकल्पिक है। यदि कोई मतदाता अपना वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर जाने के लिए तैयार है, तो मतदान केंद्र पर आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का विकल्प चुनने वाले मतदाताओं से अधिसूचना के 5 दिनों के भीतर बीएलओ द्वारा आवेदन पत्र 12डी भरवाया जाएगा और इसे रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कराया जाएगा। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और राजनीतिक दलों तथा उम्मीदवारों के प्रतिनिधि घर से मतदान की इस पूरी प्रक्रिया में शामिल होंगे।
आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, मंडल आयुक्तों, महानिरीक्षकों के साथ चुनाव नियोजन एवं संचालन के प्रत्येक पहलू पर विस्तृत समीक्षा की, जिसमें मतदाता सूची, ईवीएम प्रबंधन, रसद, मतदान केंद्रों की व्यवस्था एवं बुनियादी ढांचा, चुनाव कर्मचारियों का प्रशिक्षण, जब्ती, कानून एवं व्यवस्था, मतदाता जागरूकता एवं आउटरीच गतिविधियां शामिल हैं।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं राज्य पुलिस नोडल अधिकारी के साथ प्रशासनिक, रसद, कानून एवं व्यवस्था तथा चुनाव संबंधी व्यवस्थाओं पर भी चर्चा की। जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ विस्तृत समीक्षा से पूर्व, हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 1 जुलाई, 2024 की तिथि से राज्य में मतदाता सूची के चल रहे द्वितीय विशेष सारांश संशोधन सहित चुनाव प्रबंधन के सभी पहलुओं पर विस्तृत विवरण दिया। अंतिम मतदाता सूची 27 अगस्त, 2024 को प्रकाशित की जाएगी, जिसकी एक प्रति सभी मान्यता प्राप्त दलों को निःशुल्क प्रदान की जाएगी।
आयोग ने समग्र चुनाव तैयारियों एवं कानून एवं व्यवस्था के मामलों की समीक्षा के लिए मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक भी की।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों ने आयोग के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी। विवरण नीचे संक्षेप में दिया गया है:
मतदाता
हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि राज्य में चल रहे दूसरे विशेष सारांश संशोधन (एसएसआर) के दौरान 2 अगस्त, 2024 को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची के अनुसार, राज्य में कुल 2.01 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला मतदाता हैं। राज्य में पहली बार मतदान कर रहे मतदाताओं (18-19 वर्ष) की संख्या 4.52 लाख से अधिक है, 2.55 लाख 85+ वरिष्ठ नागरिक और 1.5 लाख दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं। 10,000 से अधिक मतदाता 100+ वर्ष के हैं। अंतिम सूची 27 अगस्त, 2024 को प्रकाशित की जाएगी।
मतदान केंद्र
समीक्षा के दौरान मतदान केंद्रों के संबंध में बताते हुए हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए कुल 20,629 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो 2019 के विधानसभा चुनावों के समय स्थापित मतदान केंद्रों से 817 अधिक हैं। इनमें से 13,497 ग्रामीण क्षेत्रों में, जबकि 7,132 शहरी क्षेत्रों में होंगे। इनमें प्रति मतदान केंद्र औसतन 977 मतदाता होंगे। महिलाओं और युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 125 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं और 116 का प्रबंधन युवा कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर दिव्यांग व्यक्तियों को भी तैनात किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने बताया कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग के केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशों से आगे बढ़ते हुए, जहां भी संभव होगा, 100 प्रतिशत मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग कराने की कोशिश की जाएगी।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मतदान को सुविधाजनक बनाने के लिए जिलों की हाई राइज सोसायटियों और कवर्ड कैंपस तथा झुग्गी बस्तियों की पहचान की गई है, जहां मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं
सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि राज्य भर के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए रैंप, पेयजल, शौचालय, बिजली, शेड, कुर्सियां आदि जैसी न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
प्रौद्योगिकी
जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) ने बताया कि वे मतदाताओं और राजनीतिक दलों सहित सभी हितधारकों की सुविधा के लिए आईटी अनुप्रयोगों के इको-सिस्टम का उपयोग करेंगे।
सी-विजिल: इस ऐप से नागरिक किसी भी चुनावी उल्लंघन और कदाचार की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसमें न सिर्फ शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाती है बल्कि 100 मिनट के भीतर उन्हें जवाब भी दिया जाता है। उपयोग में आसान, इस सहज ऐप के माध्यम से उठाई गई शिकायतों के समाधान के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड तैनात किए गए हैं।
सुविधा: यह उम्मीदवारों के लिए मीटिंग हॉल, राजनीतिक रैलियों के लिए ग्राउंड बुकिंग आदि की अनुमति के लिए अनुरोध करने के लिए एक सिंगल विंडो ऐप है। यह तकनीक सभी हितधारकों को समान सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है क्योंकि इसका इस्तेमाल बिना किसी भेदभाव के “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर किया जा सकता है।
केवाईसी या नो योर कैंडिडेट ऐप जानकार और जागरूक मतदाता को बढ़ावा देने के लिए एक कदम है। ऐप में चुनावी उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास, यदि कोई हो, और उनकी संपत्ति और देनदारियों तथा शिक्षा का विवरण शामिल हैं।
सक्षम ऐप विशेष रूप से दिव्यांग मतदाताओं के लिए तैयार किया गया है जिसमें शामिल विभिन्न सुविधाओं तक उनकी पहुंच को आसान बनाया गया है। दिव्यांग मतदाताओं के लिए मतदान अनुभव को सुगम बनाने के लिए इस ऐप के माध्यम से मतदान केंद्र पर पिक-एन-ड्रॉप सुविधा, व्हीलचेयर सहायता या स्वयंसेवक की सहायता के लिए अनुरोध किया जा सकता है।
समीक्षा बैठक के दौरान, आयोग ने अनुपालन के लिए डीईओ/एसपी को निम्नलिखित निर्देश दिए:
- आयोग ने सभी डीईओ, एसपी, राज्य प्रशासन को आचार संहिता अवधि के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर राजनीतिक दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं का पूरी निष्पक्षता से समाधान करने और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
- डीईओ को विशेष रूप से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान रूप से सुलभ होने और उनकी शिकायतों का तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के अलावा समय-समय पर बैठकों के माध्यम से उनसे नियमित रूप से मिलने के लिए कहा गया।
- डीईओ को सभी मतदान केंद्रों पर रैंप, व्हीलचेयर और बुजुर्गों तथा दिव्यांग मतदाताओं के लिए स्वयंसेवकों सहित न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी।
- सभी मतदान केंद्र भूतल पर होंगे और मतदाताओं के निवास से 2 किलोमीटर के भीतर होंगे।
- चुनाव अवधि के दौरान पर्यवेक्षक सभी दलों और मतदाताओं के लिए सुलभ होंगे और उनकी संपर्क जानकारी डीईओ द्वारा सार्वजनिक की जाएगी।
- इसके अतिरिक्त, सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे फर्जी खबरों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखें और आवश्यकता पड़ने पर उचित कानूनी कार्रवाई के साथ तत्काल कार्रवाई करें।
बैठक के दूसरे दिन (यानी 13 अगस्त, 2024) डीआरआई, एनसीबी, राज्य और केंद्रीय जीएसटी, आरपीएफ, आरबीआई, राज्य पुलिस, आयकर, प्रवर्तन निदेशालय आदि जैसी लगभग 20 केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान आयोग ने कहा कि उन्हें चुनाव को प्रलोभन मुक्त बनाना है। बिना किसी लाग-लपेट के आयोग ने कहा कि चुनाव में धनबल के इस्तेमाल को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रवर्तन एजेंसियों को निम्नलिखित निर्देश दिए गए:
- राज्य में अवैध शराब, नकदी और नशीली दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को समन्वित तरीके से काम करना होगा।
- उक्त किसी भी तरह की सामग्री के लाने-ले जाने, भंडारण और वितरण पर कड़ी निगरानी रखने के लिए समूहवार रूट मैप की पहचान की गई है।
- राज्य में शराब और नशीली दवाओं के सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
- प्रवर्तन एजेंसियां आपस में खुफिया जानकारी साझा करेंगी और समन्वित तरीके से काम करें।
- अंतरराज्यीय सीमाओं पर महत्वपूर्ण चेक पोस्टों पर चौबीसों घंटे सीसीटीवी निगरानी रखी जाए।
- राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति यह सुनिश्चित करे कि निर्धारित घंटों के दौरान केवल निर्धारित वाहनों में ही नकदी हस्तांतरण हो।
- संबंधित एजेंसियां राज्य में किसी भी तरह के माल की आवाजाही के लिए अनिर्धारित चार्टर्ड उड़ानों और हेलीपैडों की निगरानी करें।
- वॉलेट के माध्यम से अवैध ऑनलाइन नकदी हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
समीक्षा बैठकों के दौरान आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।