गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू और कश्मीर के पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) कर्मियों को संबोधित किया
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू और कश्मीर के पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) कर्मियों को संबोधित किया। इस अवसर पर जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, आसूचना ब्यूरो और महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल सहित अनेक गणमान्य व्यक्तिउपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वे आज देश की 140 करोड़ जनता की ओर से सीमा सुरक्षा बल के सभी सीमा प्रहरियों को धन्यवाद देने यहाँ आए हैं। उन्होंने कहा कि जब भी भारत की सीमा पर किसी भी प्रकार का आक्रमण होता है, तब उस आक्रमण का सामना सबसे पहले बीएसएफ के जवान करते हैं। किसी भी परिस्थिति में 365 दिन और 24 घंटे सीमा सुरक्षा बल के जवान उपलब्ध, सजग और समर्पित रहते हैं। अमित शाह ने कहा कि BSFके जवानों के कारण ही कोई भी आक्रमण सीधा देश की सीमा के अंदर क्षति नहीं पहुंचा पाता क्योंकि उसके सामने सबसे पहले सीमा सुरक्षा बल के जवान का सीना होता है।
अमित शाह ने कहा कि इसी कारण BSFसीमा प्रहरियों को देश की सुरक्षा की प्रथम पंक्ति के रूप में देश का हर बच्चा जानता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए जम्मू और राजस्थान फ्रंटियरऔर सुदूर कच्छ सीमा पर तैनात BSFके जवानों ने पूरी सजगता के साथ देश की सीमाओं की सुरक्षा की। अमित शाह ने कहा कि जब पाकिस्तान ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकियों पर किए हुए हमले के जवाब में हमारे रिहायशी इलाके पर हमला किया तब जम्मू फ्रंटियर में लगभग 118 से अधिक पाकिस्तानी पोस्ट्स को तबाह करने और नुकसान पहुचाने का काम हमारे BSF के जवानों ने किया। उन्होंने कहा कि BSF ने पाकिस्तान की पूरी निगरानी प्रणाली को ध्वस्त कर दिया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शांति काल में भी BSFने अपनी पैनी नज़र पाकिस्तान की पोस्ट्स पर बनाए रखी और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सटीक जानकारी के आधार पर और कम से कम समय में पाकिस्तान की पोस्ट्स को अधिक से अधिक क्षति पहुंचाई। अमित शाह ने कहा कि BSF ने सबसेअधिक नुकसान पाकिस्तान के निगरानी उपकरणों को पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि ऐसी बहादुरी तभी देखने को मिलती है जब देश पर गर्व, दिल में देशभक्ति की भावना और सर्वोच्च बविदान देने का जज़्बा होता है। गृह मंत्री ने कहा कि BSF जवानों का समर्पण, शौर्य, पराक्रम और बलिदान आज देश के हर बच्चे की ज़ुबान पर है।