भारत

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की रविवार को समीक्षा की और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की।

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि शाह आगे के कदमों पर सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ एक और विस्तृत बैठक करेंगे। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद विरोध-प्रदर्शन और हिंसा के कारण स्थिति अस्थिर बनी हुई है।

मणिपुर पिछले साल मई से ही जातीय संघर्ष से जूझ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को आग लगा दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया।

गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने विधायकों के आवासीय परिसरों पर धावा बोला, संपत्ति में तोड़फोड़ की और घरों में आग लगा दी। हालांकि, इस दौरान विधायक और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, जहां पिछले कुछ दिनों से स्थिति नाजुक बनी हुई है। नाजुक स्थिति को देखते हुए केंद्र ने बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित राज्य के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को पुनः लागू कर दिया। इंफाल घाटी में बसे मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों में बसे कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।

Editor

Recent Posts

आंध्र प्रदेश तथा पुद्दुचेरी में चक्रवात मोन्था के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाए गए

चक्रवात मोन्था को देखते हुए आंध्र प्रदेश हाई अलर्ट पर है। इस चक्रवात के असर…

14 घंटे ago

47वां आसियान शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 47वां आसियान शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। 47वां दक्षिण…

14 घंटे ago

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज इंदिरापुरम, गाजियाबाद में यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में यशोदा मेडिसिटी का उद्घाटन किया।…

15 घंटे ago

छठ पूजा के दूसरे दिन आज खरना पारंपरिक उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है

छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है। इसे खरना के नाम से जाना जाता है। आज के…

21 घंटे ago

हंसिका लांबा और सारिका मलिक ने सर्बिया में अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया

भारत की हंसिका लांबा और सारिका मलिक ने सर्बिया में आयोजित अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप…

21 घंटे ago

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव कल चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की आशंका

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव कल सुबह चक्रवात में बदल सकता है। मौसम…

21 घंटे ago