बंगाल की खाड़ी से उठने वाले चक्रवात तूफान ‘रेमल’ के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक ने किए तैयारी के उपाय; नौ आपदा राहत टीमें महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने मध्य बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न होने वाले चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के कारण समुद्र में जान-माल की न्यूनतम हानि सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी को लेकर उपाय शुरू किए हैं। इसके 25 मई, 2024 तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इस सिस्टम के 26 और 27 मई की मध्यरात्रि को पश्चिम बंगाल तट के पास उत्तर/उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में लैंडफॉल की संभावना है।
आईसीजी ने चक्रवाती तूफान से उत्पन्न होने वाली संभावित आकस्मिकताओं के लिए एक समन्वित प्रत्युत्तर की सुविधा के लिए संबंधित राज्य प्रशासन और हितधारकों के साथ समन्वय के प्रयास किए हैं। तैयारियों और समन्वित कार्रवाई को सुविधाजनक बनाने के लिए उभरती स्थिति के संबंध में सभी संबंधित जानकारी हितधारकों तक पहुंचा दी गई है।
हल्दिया और पारादीप में आईसीजी के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन नियमित और बहुभाषी अति उच्च फ्रीक्वेंसी पर अलर्ट प्रसारित कर रहे हैं, जो आवागमन करने वाले व्यापारिक नाविकों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त, आईसीजी जहाज और विमान समय पर सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए चक्रवाती तूफान के अपेक्षित पथ पर निगरानी कर रहे हैं।
नौ आपदा राहत टीमें हल्दिया, पारादीप, गोपालपुर और फ्रेजरगंज सहित रणनीतिक स्थानों पर तैनात की गई हैं, जो आपात स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
आईसीजी ने बांग्लादेश तट रक्षक अधिकारियों को सूचित किया है, उनसे आवश्यक तैयारी करने और मछुआरों एवं व्यापारिक समुद्री जहाजों को अलर्ट प्रसारित करने का आग्रह किया है। लंगरगाहों पर व्यापारिक जहाजों को सतर्क कर दिया गया है, और बंदरगाह के संबंधित अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने की सलाह दी गई है। मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद, मत्स्य पालन विभाग को अपने संबंधित क्षेत्रों में देशी नौकाओं को बदलती स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए आगाह किया गया है।