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भारत और अल्जीरिया ने आज द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 31 अक्टूबर से 03 नवंबर, 2024 तक पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ अल्जीरिया की आधिकारिक यात्रा पर एक उच्च पदस्थ भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। यह यात्रा भारत-अल्जीरिया संबंधों को और सशक्त करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी, जिसमें हाल के वर्षों में विशेष रूप से व्यापार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी एवं रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है।

एक महत्वपूर्ण पहल के तहत जनरल अनिल चौहान और उनके समकक्ष अर्थात अल्जीरियाई पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सईद चानेग्रिहा ने भारत व अल्जीरिया के बीच रक्षा सहयोग पर एक मील का पत्थर स्थापित करने वाले ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता न केवल द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में एक कदम आगे है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहभागिता की नींव भी रखता है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने 01 नवंबर, 2024 को अल्जीरिया की गौरवशाली क्रांति की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड और विशिष्ट कार्यक्रमों के श्रृंखला के लिए जनरल सईद चानेग्रिहा की सराहना की, जो अल्जीरिया के इतिहास को दर्शाने में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

जनरल चौहान ने इस दौरान हायर वॉर कॉलेज के निदेशक से बातचीत की और पीपुल्स नेशनल आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने दोनों देशों के साझा इतिहास को रेखांकित किया, जो समान मूल्यों एवं सिद्धांतों पर आधारित संबंधों को बढ़ावा देता है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने इस अवसर पर अपनी वैश्विक आकांक्षाओं में अल्जीरिया और भारत, दोनों देशों के भौगोलिक लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का मुख्य रणनीतिक दृष्टिकोण उसके भूगोल और ऐतिहासिक अनुभव से ही आकार लेता है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता रहा है। भारत ने अल्जीरिया में अपनी रक्षा शाखा को फिर से स्थापित किया है और भारत में अल्जीरिया की रक्षा शाखा को फिर से खोलने का स्वागत करता है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति में हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और विश्व के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में एक ‘विश्व-बंधु’ की तरह जुड़ने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हुए समझौते और प्रौद्योगिकी विकास में भारत द्वारा की गई प्रमुख प्रगति का भी जिक्र किया।

जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और वे अल्जीरिया की पीपुल्स नेशनल आर्मी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ कार्यक्रमों के तहत भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता पर जोर दिया।

भारत और अल्जीरिया अब आत्मनिर्णय, संप्रभुता के सम्मान और बहुपक्षीय क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका में क्षेत्रीय सहभागी के रूप में साझेदारी में अद्वितीय रणनीतिक लाभ लाते हैं, जो एक अधिक संतुलित एवंबहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में योगदान करते हैं। यह उच्च स्तरीय यात्रा भारत के राष्ट्रपति की हाल ही में संपन्न अल्जीरिया यात्रा का पूरक है, जो कूटनीतिक, सैन्य एवं रणनीतिक सहयोग को विस्तार देने के लिए दोनों पक्षों की सशक्त राजनीतिक इच्छाशक्ति को रेखांकित करती है।

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