विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और मालदीव ने यहां एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते का मालदीव के पर्यटन क्षेत्र पर ‘बहुत सकारात्मक’ प्रभाव पड़ेगा।
विदेश मंत्री जयशंकर की तीन दिवसीय आधिकारिक मालदीव यात्रा के दौरान शुक्रवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “मालदीव में (ए) डिजिटल भुगतान प्रणाली की शुरुआत पर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) और मालदीव के आर्थिक विकास और व्यापार मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।”
एनपीसीआई द्वारा विकसित यूपीआई मोबाइल फोन के माध्यम से बैंकों के बीच लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है। मालदीव में अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपने यूपीआई के माध्यम से ‘डिजिटल लेनदेन में क्रांति ला दी है।’
जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में वित्तीय समावेशन नए स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के 40 प्रतिशत वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान हमारे देश में होते हैं। पर्यटन मालदीव की आर्थिक गतिविधि का मुख्य स्रोत है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देता है तथा 60 प्रतिशत से अधिक विदेशी मुद्रा उत्पन्न करता है।
जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य मालदीव के साथ द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाना है। मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पिछले वर्ष पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की ओर से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
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