विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर एक बैठक में पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग की सीमाओं से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की।
पर्वतीय क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव के दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। जयशंकर ने वांग के साथ बातचीत के बाद कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में उठाए जाने वाले अगले कदमों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश मंत्री ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सीपीसी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से हालिया सैन्य वापसी प्रक्रिया में हुई प्रगति पर गौर किया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में अगले कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा की।’’
जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन द्वारा एक समझौता किए जाने के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने डेमचोक और देपसांग में सेनाओं की वापसी की कवायद पूरी कर ली थी। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी फिर से शुरू कीं।
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