भारत ने 6 मई से 10 मई, 2024 तक न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मुख्यालय में आयोजित वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (यूएनएफएफ) के 19वें सत्र में हिस्सा लिया। इस सत्र के दौरान भारत ने वन संरक्षण और टिकाऊ वन प्रबंधन में देश की महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित किया। भारत ने बताया कि इसके कारण पिछले 15 वर्षों में वन क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हुई है। वैश्विक स्तर पर भारत साल 2010 और 2020 के बीच औसत वार्षिक वन क्षेत्र में शुद्ध वृद्धि के मामले में तीसरे स्थान पर रहा है।
भारत ने जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण को उच्च प्राथमिकता दी है। इसके कारण संरक्षित क्षेत्रों का नेटवर्क 1,000 से अधिक वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों, बाघ अभयारण्यों, बायोस्फीयर रिजर्व और अन्य वन्यजीव आवासों तक विस्तारित हुआ है। बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) के 50 साल और हाथी परियोजना (प्रोजेक्ट एलिफेंट) के 30 साल पूरे होने पर हाल ही में आयोजित समारोह प्रजातियों के संरक्षण व उनके आवास संरक्षण को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। इसके अलावा भारत ने अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस के गठन को भी रेखांकित किया, जो सहयोगात्मक अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से पूरे विश्व में सात बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों की रक्षा व संरक्षण करने के उद्देश्य से एक और महत्वपूर्ण पहल है।
इसके अलावा भारत ने ‘ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम’ की शुरुआत को भी साझा किया, जिसे वृक्षारोपण और खराब वन भूमि की बहाली के लिए संस्थाओं को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका उद्देश्य जलवायु कार्रवाई पहल को और अधिक मजबूत करना है।
इससे पहले अक्टूबर, 2023 में भारत ने देहरादून में यूएनएफएफ के तहत देश के नेतृत्व वाली पहल की मेजबानी की थी। इसमें 40 देशों और 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और वन अग्नि प्रबंधन व वन प्रमाणन पर चर्चा की। भारत ने इस पहल की सिफारिशों को यूएनएफएफ- 19 के दौरान प्रस्तुत किया।
इसके अलावा मंत्रालय ने पुर्तगाल की एकीकृत ग्रामीण अग्नि प्रबंधन एजेंसी, कोरिया वन सेवा और इंटरनेशनल ट्रॉपिकल टिम्बर काउंसिल (आईटीटीओ) के साथ साझेदारी में ‘सहयोगात्मक शासन के माध्यम से परिदृश्य एकीकृत अग्नि प्रबंधन के लिए सिद्धांत और रणनीतियां’ पर न्यूयॉर्क में आयोजित यूएनएफएफ- 19 के अधीन एक कार्यक्रम की भी मेजबानी की।
यूएनएफएफ- 19 का समापन वनों की कटाई और वन क्षरण व भूमि अपरदन को रोकने के लिए तत्काल और त्वरित कार्रवाई करने की घोषणा के साथ हुआ। इनमें वनों के लिए संयुक्त राष्ट्र रणनीतिक योजना के कार्यान्वयन और वैश्विक वन लक्ष्यों की उपलब्धि शामिल है।
यूएनएफएफ- 19 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव और वन महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने किया।
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