भारत ने जमीन पर स्थिति को बदलने के “अवैध” प्रयास के तहत शक्सगाम घाटी में निर्माण गतिविधियों को अंजाम देने को लेकर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि शक्सगाम घाटी भारत का हिस्सा है और नयी दिल्ली ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया, जिसके माध्यम से इस्लामाबाद ने “गैरकानूनी” रूप से इस क्षेत्र को बीजिंग को सौंपने का प्रयास किया था। जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, “हमने लगातार इसके प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की है। हमने जमीनी स्तर पर तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों के खिलाफ चीनी पक्ष के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है।”
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन एवं लोकसेवकों को कर्तव्यों…
कृषि मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (रा.बी.नि.) ने डीआईपीएएम…
चीन ने अपने यहां तैयार उत्पादों पर शुल्क वृद्धि के अमेरिकी सरकार के फैसले के…
आज विश्व कैंसर दिवस है। नई दिल्ली स्थित एम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ.…
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने आज प्रयागराज के महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर…
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते…